खबर दृष्टिकोण
ब्यूरो रिपोर्ट
सीतापुर । जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को जनपद में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है परन्तु इस वर्ष 24 मार्च को होली का त्योहार पड़ जाने के कारण राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशों के क्रम में विश्व क्षय रोग दिवस 28 मार्च को जिला क्षय रोग केन्द्र, सीतापुर पर मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0हरपाल सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीतापुर द्वारा की गयी। इस अवसर पर डॉ0।इन्द्र सिंह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय सीतापुर, डॉ0 मनोज कुमार देशमणि जिला क्षय रोग अधिकारी सीतापुर, डा श्याम सुन्दर उप जिला क्षय रोग अधिकारी , संजीव मेहरोत्रा सचिव रेडक्रास सोसाइटी सीतापुर, सनी बेग चेयर पर्सन रेडक्रास सोसाइटी, सचिन त्रिपाठी नारी जागरण सेवा समिति सीतापुर आदि उपस्थिति रहे।
सर्वप्रथम गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डा मनोज कुमार देशमणि, जिला क्षय रोग अधिकारी ने टीबी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि राबर्ट कॉक द्वारा 24 मार्च 1882 को टी.बी. जीवाणु की खोज की थी, जो टी.बी. के उपचार मे मील का पत्थर साबित हुयी। उनकी इस खोज के लिए उन्हे 1905 मे नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था। पूर्व में टी.बी. रोगियों का इलाज बहुत महँगा था एवं बिना सुपरविजन के कारण मरीज दवा लेना बीच में ही छोड़ दिया करते थे। इसीलिए सीधी देख-रेख मे डॉट्स पद्धति की दवा खिलाने की व्यवस्था भारत सरकार ने की थी जिसे संशोधित करते हुए वर्तमान समय में डेली रेजिमिन औषधि प्रदान की जा रही है तथा इलाज के दौरान प्रत्येक मरीज को निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत 500 रूपए प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है।
इस अवसर पर डा हरपाल सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीतापुर ने उपस्थित लोगों को अवगत कराया कि टीबी के लक्षण जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी, लगातार बुखार रहना, वजन घटना, सीने मे दर्द, बलगम में खून, रात में अत्यधिक पसीना आना आदि लक्षण पाये जाने पर बलगम जांच करने की सुविधा सामुदायिक,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित कुल 42 माइक्रोस्कोपिक केन्द्रों पर पूर्णतया निःशुल्क उपलब्ध है। जनपद में एमडीआर मरीजों की पहचान के लिए वर्तमान में 3 सीबी नॉट साइट तथा 13 ट्रूनॉट साइटें क्रियाशील हैं जिनमें सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के मरीजों के जाँच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त जनपद में एमडीआर मरीजों के लिए जिला चिकित्सालय में डीआरटीबी सेन्टर स्थापित किया गया है। साथ ही टीबी मरीजों तथा उनके अभिभावकों को टीबी का इलाज पूरा करने तथा नियमित जांच व संतुलित पोषक आहार लेने व आस पड़ोस में टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों को जाँच के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया तथा समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को निःक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आहवान किया।
कार्यक्रम के अन्त में महामहिम राज्यपाल महोदया की प्रेरणा से जिला क्षय रोग केन्द्र पर 22 टीबी मरीजों को रेड क्रास सोसाइटी द्वारा पोषण पोटली वितरित की गयी। इस कार्यक्रम में टीबी मरीज को इलाज अवधि में अपने स्रोतों से पोषक आहार दिये जाने तथा उनके नियमित औषधियों की आपूर्ति,जाँच का ध्यान रखने तथा सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की अपूर्ति कराने में सहायता प्रदान करने का लक्ष्य है।
कार्यक्रम का संचालन आशीष कुमार दीक्षित, जिला पीपीएम समन्वयक द्वारा किया गया तथा इस उपलक्ष्य में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
