Breaking News

मिश्रित के पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर कछुवा गति से चल रहा निर्माण कार्य

 

 

परिक्रमार्थियों के आने तक परिक्रमा मार्ग पूर्ण हो पाना सम्भव नही ।

खबर दृष्टिकोण

सुदीप मिश्रा

मिश्रित/ सीतापुर। महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि कस्बा मिश्रित सतयुग काल से त्याग तपस्या का केन्द्र बिन्दु रहा है । यहां पर तपस्या करने वाले महर्षि दधीचि ने लोक कल्याण के लिए अपनी अस्थियों तक का दान देवताओं को दे दिया था । अस्थियां दान करने से पहले उन्होने त्रैलोक्य के तीर्थों की प्रदक्षिणा करने की इच्छा जाहिर की थी । जिससे इंद्र आदि देवताओं ने त्रैलोक्य के तीर्थों का आवाहन करके यहां बुलाया था । यहां आकर सभी तीर्थ चौरासी कोस की परिधि में ठहरे थे । जिससे महर्षि दधीचि जी ने चौरासी कोस में ठहरे सभी तीर्थों की परिक्रमा और प्रदक्षिणा कर पूर्णिमा तिथि को अपने शरीर को गायों से चटाकर अस्थियों का दान देवताओ को दे दिया था । देवताओ ने उनकी अस्थियों से दिव्य अस्त्रो का निर्माण किया । बृत्तासुर सहित कई दैत्यों का वध किया गया । उसी दिन से यहां की चौरासीय परिक्रमा होती चली आ रही है । ऐसी पवित्र भूमि प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार होकर रह गई है । 11 मार्च से यहां का विश्वविख्यात चौरासी कोसीय धार्मिक होली परिक्रमा शुरू होने जा रहा है । लेकिन अभी तक मेला प्रशासन की व्यवस्थाएं दुरुस्त नही है । सभी परिक्रमार्थी चौरासी कोसी धार्मिक परिक्रमा के दस बाहरी पड़ाव पार करते हुए एकादशी तिथि को कस्बा मिश्रित को जाएंगे । कस्बे के विभिन्न पड़ाव स्थलों पर अपना टिकासन लगाकर पांच दिनों तक विश्राम करते हुए यहां की पंच कोसी परिक्रमा करेंगे । परन्तु यहां का पंचकोसी परिक्रमा मार्ग काफी जर्जर पड़ा है । ठेकेदार द्वारा कछुवा गति से निर्माण कार्य कराया जा रहा है । जिससे यहां पर मेला आने तक पंच कोसी परिक्रमा मार्ग पूर्ण रूप से दुरुस्त हो पाना सम्भव दिखाई नही दे रहा है ।

About Author@kd

Check Also

हिंद मेडिकल कॉलेज में एक और छात्र ने की आत्महत्या

  _उपस्थिति कम होने से परेशान था एमबीबीएस छात्र_ खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता अतुल कुमार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!