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विश्व श्रवण दिवस विशेष…. मोबाइल ने कम की सुनने की क्षमता, छीना जिंदगी का चैन

 

बचाव और सुरक्षा के लिये रविवार डॉ0 नीतू सिंह ने साझा की जानकारी

ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ

मोहनलालगंज।बहरापन अथवा सुनने की शक्ति कम होना एक आम समस्या बन गई है।युवा और बुजुर्ग ही नही कम उम्र के बच्चे भी कम सुनने और बहरेपन का शिकार हो रहे है।इसका मुख्य कारण मोबाइल फोन तेज आवाज में लीड लगाकर सुनना है।इसके साथ ही शराब का सेवन धूम्रपान, उच्च रक्तचाप,शुगर तेज आवाज की आतिशबाजी, अत्यधिक मात्रा में दवाओं का सेवन करने से ही बहरापन हो सकता है।ये बाते विश्व श्रवण दिवस पर फरफेक्ट हॉस्पिटल की नाक कान विशेषज्ञ डॉक्टर नीतू सिंह ने अस्पताल आने वाले मरीजों से साझा की।

आजकल हर तरफ किसी न किसी मशीन, जनरेटर,गाड़ी या डीजे पर तेज आवाज में गाने सुने जा सकते हैं, इसका लोगों की सुनने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। बच्चे ध्वनि और शब्दों को सुनकर बोलना और समझना सीखते हैं. जो ध्वनियों को नहीं सुन सकता, वह इनका आनंद नहीं ले सकता. इससे बच्चे को बात करने, पढ़ने और अन्य लोगों के साथ मिलने-जुलने में मुश्किल हो सकती है. अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को सुनने में परेशानी है, तो समय से उसकी जांच कराने से समय पर ही इलाज संभव है।

 

श्रवण स्वास्थ होना आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी…..

डाक्टर नीतू सिंह कहती है कि अच्छा श्रवण स्वास्थ होना बहुत जरूरी है। इसके बिना, दोस्त बनाना, स्कूल में सीखना या अच्छा काम करना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा, श्रवण हानि से डिप्रेशन, चिंता और अकेले महसूस करने जैसी भावनात्मक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. नीतू सिह ने कहा कि बहुत से लोगों को सुनने में परेशानी होती है. जिसका समय पर निदान नहीं किया जाता है।

 

 

मरीजों को दी गई सुनने की समस्या के लक्षणों की जानकारी…..

मोहनलालगंज के फरफेक्ट हॉस्पिटल में नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डाक्टर नीतू सिंह ने विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर मोहनलालगंज कस्बे के अपने अस्पताल में आने वाले मरीजों को सुनने की समस्या के लक्षणों की जानकारी दी । इसके साथ ही बहरेपन से रोकथाम की भी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि विश्व श्रवण दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने श्रवण स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. यदि हमें सुनने में परेशानी होती है तो तत्काल अपने चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए.

 

इन बातों का रखें ध्यान—

 

डॉक्टर नीतू सिंह ने कहा कि कान की बीमारी से बचने लिए तेज आवाज के संपर्क में आने से बचें, ईयरप्लग या हेडफोन का लगातार बहुत ज्यादा उपयोग न करें।वही कुछ दवाओं व कान बहने व बच्चों में सर्दी जुखाम से भी सुनने की क्षमता कम हो जाती और तेज आवाज वाले वातावरण से नियमित ब्रेक लें, कान की अच्छे से सफाई करें। इसके अलावा अपनी सुनवाई की अक्सर जांच करें।

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