खबर दृष्टिकोण
धीरज नाग
महमूदाबाद/सीतापुर। श्री रामचरित मानस विश्व का एक अनुपम ग्रंथ है। इसके नायक भगवान राम जन-जन के आदर्श एवं मर्यादा पुरुषोत्तम है। भगवान राम का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा दायक है। यदि मानव राम के चरित्र का अनुकरण कर कार्य करें तो जीवन में कहीं भी असफलता नहीं मिलेगी। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन कथा बड़ी अलौकिक है। यदि इस कथा को श्रद्धा और विश्वास से श्रवण किया जाए तो यह मानव के सम्पूर्ण जीवन को परिवर्तित करने की शक्ति रखती है। दांपत्य जीवन को यदि सुखमय व्यतीत करना है तो प्रतिदिन श्री रामचरित मानस का पाठ करें।श्री संकटा देवी धाम महमूदाबाद में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ के अवसर पर आयोजित श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका रिचा मिश्रा ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि श्री रामचरित मानस में
संसार के सभी आदर्शों को समाहित किया गया है। इस अनुपम ग्रंथ में त्याग प्रेम भाईचारा परोपकार सहित सभी सामाजिक नैतिक आदर्शों को शामिल किया गया है। राम और भरत का भाई प्रेम और त्याग समाज के लिए सदैव प्रेरणा प्रद बना रहेगा। भारतीय संस्कृत की रक्षा भगवान राम द्वारा निर्धारित किए गए आदर्शों पर ही हो रही है और इसी के चलते यह संस्कृति कभी भी नष्ट नहीं हुई है। भगवत भजन से बड़ी कोई साधना नहीं जिससे जीव का कल्याण हो सके। करीब चार हजार से अधिक श्रोताओं से भरे खचाखच कथा पांडाल में जानकी बल्लभ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की स्तुति के साथ चतुर्थ दिन की शुरू हुई श्रीराम कथा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास ने नारद मोह, विश्वमोहिनी का स्वयंवर, श्री रामलला के जन्मोत्सव की कथा का रसपान भी श्रोताओं को कराया। पुत्रेष्टि यज्ञ के परिणाम स्वरूप चार पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म हुआ। पूरा परिसर भगवान के जन्म की खुशियां मनाने लगा। श्रीराम जन्मोत्सव के दौरान श्रद्धालुभक्तों ने एक-दूसरे को बधाई दी। समिति की ओर से उपहार बांटे गए। कथा समापन के पश्चात प्रसाद वितरण प्रेम प्रकाश सिंह व नारायण दास अग्रवाल द्वारा संयुक्तरूप से कराया गया। कथा में मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, रामकुमार गिरि, डॉ एमणि मिश्रा, राजाराम यादव, उमाशंकर जैन, केके सिंह, प्राची दीक्षित, वागीश दिनकर, हरीश मिश्र, विजय जायसवाल, आनंद पोरवाल, मिथिलेश वाजपेयी, दिनेश वाजपेयी, आशा दुबे, उर्मिला रस्तोगी, अजय जायसवाल, विद्युत जैन, सरोज शुक्ल, मनोज शुक्ल, हरिओम गुप्त, शिवम विक्रांत, राजेंद्र राजपूत, सोनी जायसवाल, रवींद्र यादव, अतुल चित्रांश, राजकुमार वर्मा सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे। संचालन डॉ. रजनीश मिश्र ने किया।
मूर्तियों को विधि-विधान से कराया गया अन्नाधिवास (इनसेट)
मां संकटा देवी धाम में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के चतुर्थ दिन यज्ञाचार्य पंडित अखिलेश चंद्र शास्त्री, अशोक शास्त्री, कन्हैयालाल मिश्र, आचार्य गंगा सहाय, शेषमणि मिश्र, शशिकांत सहित अन्य आचार्यों के साथ पूर्व आवाहित देवताओं का पूजन एवं मंडप में नवग्रह मंडल, 64 योगिनी, वास्तु देवता, क्षेत्र देवता, द्वादश ज्योतिर्लिंग मंडल, सर्वतरे भद्र मंडल सहित अन्य देवी देवताओं के आवाहन के साथ पूजन किया। इसके बाद श्री विष्णु भगवान का अभिषेक तुलसीपत्र द्वारा कराया गया। श्री दुर्गा सप्तसती के मंत्रों द्वारा हवन एवं ग्रहों की पूजा की गई। इसके बाद कलश स्थापना पूजन हुआ। । नवनिर्मित मंदिरों में स्थापित होने वाली देव प्रतिमाओं को बुधवार को विधिवत पूजन-अर्चन के बाद अन्नाधिवास कराया गया। गुरुवार को देवी-देवताओं के पूजन-अर्चन के साथ प्रतिमाओं को शर्कराधिवास कराया जायेगा। श्री शतचंडी महायज्ञ में मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, किरन वाजपेयी, आंजनेय आशीष वाजपेयी, ऋतुजा वाजपेयी आरजे वर्मा, सुशीला वर्मा, शशांक वर्मा, शिवानी वर्मा, चंद्रकांत रस्तोगी, रिचा रस्तोगी, शशिकांत रस्तोगी, सोनम रस्तोगी, पीयूष वर्मा, ज्योति वर्मा ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।
