खबर दृष्टिकोण:- तौहीद मंसूरी
मोहम्मदी खीरी:-उचौलिया पुलिस की हाथ लगी बड़ी सफलता, मुख्य आरोपी हरेंद्र यादव मुठभेड़ में गिरफ्तार
बीती 31 जनवरी की अलसुबह सपा कार्यकर्ता रमेश सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी जिस हत्याकांड में मुख्य आरोपी हरेंदर यादव था जिसकी तलाश में पुलिस रात दिन खाक छान रही थी और गुरुवार को पुलिस बुल्डोजर लेकर हरेंदर के घर पर पहुंची थी लेकिन पूरा दिन बुल्डोजर खड़ा रहा और उचौलिया पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। शुक्रवार की सुबह करीब 3:30 बजे थाना क्षेत्र में पुलिस आरोपी हरेंदर यादव की तलाश मे पुलिस निकलीं थी। उसी दौरान थाना क्षेत्र के मढ़िया गांव मोड़ के पास आरोपी हरेंदर यादव ने पुलिस टीम को देखते हुए पुलिस टीम पर हमला कर दिया जिसके जबाव में पुलिस ने मोर्चा संभाला और जबावी फायरिंग की जिसमे हरेंदर यादव को गोली दाहिने पैर में लग गई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से 315 बोर का अवैध तमंचा 1 खोखा कारतूस और एक जिंदा अदद कारतूस बरामद हुआ है पुलिस ने घायल हरेंदर यादव को पुलिस ने सीएचसी पसगवां इलाज के लिये भेजा फिर जिला लखीमपुर खीरी में भर्ती कराया जहां पर उसका इलाज चल रहा है।
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अपनी सुरक्षा को लेकर डर डर की जिंदगी जीने को मजबूर भतीजा शुभम
एसपी खीरी समेत आला अधिकारियों से कर रहा अपनी सुरक्षा की मांग
31 जनवरी को सुबह 1 बजे जिस तरह से सपा कार्यकर्ता रमेश यादव की प्री प्लांनिग के तहत हत्या कर दी गई जिससे गांव ही नही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। रमेश यादव की हिस्ट्रीशीटर व दबंग हरेंद्र यादव पक्ष से पानी के निकास को लेकर कही माह से विवाद चल रहस था, उसी समय से रमेश यादव अपनी सुरक्षा को लेकर आला अधिकारियों व मीडिया का सहारा लेकर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा था, अपनी हत्या की आशंका के तहत कई वीडियो उन्होंने बनवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किये थे, पर दबंग व हिस्ट्रीशीटरो ने मौका देकर 31 जनवरी को जल्दी सुबह जब रमेश मिल से गन्ना तुलवाकर वापस लौट रहा था गांव से कुछ पहले ही प्री प्लानिंग के तहत उसका मर्डर कर दिया, जिसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई, और उक्त घटना क्रम में उसका भतीजा शुभम भी साथ था भतीजे पर भी कई जानलेवा हमले किये गए, जिससे शुभम घातक हमलों से बेहोस हो गए शुभम को मृत समझकर हमलावर वहां से भाग गए। उसी के मद्देनजर अब डर डर कर जीने को मजबूर भतीजा शुभम अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है, वह जिले के कप्तान से लेकर आला अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा है उसे डर है कि उसके चाचा की भांति उसकी भी हत्या न कर दी जाए। कहि न कही मामले में देखा जाए तो शुभम यादव ही उस घटनाक्रम का एकमात्र गवाह है जिसने पूरे घटना क्रम को अपनी आंखों से देखा, उसी के मद्देनजर अब उसे डर है कहि फरार अपराधियों द्वारा उसकी भी हत्या न कर दी जाए, अतएव उसकी सुरक्षा को लेकर आला अधिकारियों द्वारा भतीजे शुभम को सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि और कोई अप्रिय घटना न घट पाए।
