खबर दृष्टिकोण लखनऊ | पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल में 14 सितम्बर से 29 सितम्बर तक मनाये जा रहे ‘हिंदी पखवाड़ा समारोह’ के समापन के अवसर पर शुक्रवार को मण्डल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार की अध्यक्षता में मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय के बहुद्देशीय हॉल में कवि सम्मेलन तथा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष मण्डल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार ने मुख्य अतिथि डॉ0 सुधाकर अदीब, पूर्व निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ की उपस्थिति में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि बड़े हर्ष एवं गर्व के साथ कह सकता हॅू कि इस ‘हिंदी पखवाड़ा’ के आयोजन में मण्डल के सभी स्टेशनों, लोको शेड, कोचिंग डिपों, रेलवे कार्यालयों में रेलकर्मियों ने भाग लिया। मंडल पर ऐसे आयोजनों से हिंदी के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक माहौल बनता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से मंडल पर हिंदी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, जिससे निःसंदेह अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हिंदी के प्रति जागरूकता और बढ़ी है। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ0 सुधाकर अदीब ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश के लिए भाषा बहुत बलवान होती है, भारत के अतिरिक्त विदेशों में हिन्दी सम्पर्क भाषा के रूप में व्यापक प्रभाव डाल रही है।
इस अवसर पर सुनील कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें निशा सिंह ‘नवल’ ने अपनी कविता ’’ईमान बिक गया, कही किरदार बिक गया, राजेश कुमार ने ’’छुक-छुक करती चलती रेल.’ पंकज ‘प्रसन्न’ ने अपनी अपनी , कविताओं की प्रस्तुतियॉ प्रदान की तथा अन्त में सुनील कुमार श्रीवास्तव ने अपनी कविता में काव्य की प्रस्तुतियॉ दी। इस अवसर पर वरिष्ठ मण्डल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर सत्यदेव पाठक ने अपनी दो कविताओं जिसका शीषर्क ’पिताजी की कही बातें’ एवं ’फिर क्या नामुमकिन है’ का काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर ‘हिन्दी पखवाड़ा’ में आयोजित ’‘हिन्दी वाक् प्रतियोगिता में गोपाल कृष्ण धवन को प्रथम पुरस्कार, विनय कुमार लोको पायलट को द्वितीय पुरस्कार एवं सम्पतराम मीना, मुख्य लोको निरीक्षक को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया।
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