ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि योजनान्तर्गत निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों हेतु विधान सभा में 403 सदस्यों हेतु प्रति मा० सदस्य को रू०2.50 करोड़ की दर से रू०1007.50 करोड़ तथा विधान परिषद के 99 मा० सदस्यों हेतु प्रति सदस्य को रू०2.50 करोड़ की दर से रू०247.50करोड़, अर्थात विधान मण्डल के कुल 503 मा०सदस्यों में से 502 मा० सदस्यों हेतु कुल धनराशि रू०1255.00करोड़ , जी0 एस0 टी0 सहित (रूपये बारह सौ पचपन करोड़ मात्र) को द्वितीय किश्त के रूप में अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदान की गयी है।
इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा ग्राम्य विकास विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि स्वीकृत की गयी धनराशि का व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में उल्लिखित व्यवस्था / प्रावधानों तथा इस निमित्त समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार ही किया जाय। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गयी धनराशि की जानकारी तथा शासनादेश की प्रति अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित मा० विधान सभा / विधान परिषद सदस्यों को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध करा दी जाय।जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने की कार्यवाही का दायित्व सम्बंधित मुख्य विकास अधिकारी का होगा।
गौरतलब है विधान मण्डल के दोनों सदनों के मा० सदस्यों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास कार्यों हेतु विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24के लिए 1257.50करोड़ की धनराशि की स्वीकृति पूर्व में प्रदान की जा चुकी है।



