पचोर (खबर दृष्टिकोण)। विकासखंड क्षेत्र में करीब 15 दिनों से बारिश नहीं होने से फसलों पर तेजी से खतरा मंडराने लगा है हालत यह है कि खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल बल खाने लगी है तथा पीली पढ़ने लगी है इसके अलावा पथरीली जमीन की फसल तो सूखने के कगार पर आ गई है इसका उत्पादन पर भी असर पड़ेगा इससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश की कामना को लेकर धार्मिक आयोजन एवं गांव के बाहर खाना बनाया जा रहा है बारिश नहीं होने की वजह से गर्मी का पारा भी चढ़ने लगा है शुक्रवार को तेज गर्मी रही इसके साथ ही घंटों बिजली भी गुल रही इस कारण लोग परेशान दिखाई दिए इस साल बारिश का सिलसिला चला वहीं जब फसल को बेहद जरूरत थी तो बारिश नहीं हो रही है जिसके चलते किसानों को चिंता में डाल दिया है क्षेत्र में पिछले 15, 20 दिनों से बारिश थमी हुई है नाले सूखे पड़े हुए हैं अभी बहने भी नहीं लगे हैं बारिश नहीं होने के कारण गर्मी का असर भी देखा जा रहा है यदि कुछ दिन और बारिश नहीं होती है तो फसले पूरी तरह से चौपट हो सकती है पड़ाना के किसान संतोष पटेल विट्ठल दास गुप्ता रामबाबू परमार भोजराज परमार नाहरसिंह गुर्जर ने बताया कि धूप व गर्मी से खेतों में दरारें पड़ने लगी है कई खेतों में फसल पीली भी पड़ने लगी है यदि जल्दी बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन की फसल में फलिया लगने लगी है ऐसे में पानी ना गिरने के कारण उसमें छोटे आकार का दाना पड़ेगा तथा सभी फसलों को नुकसान होने की आशंका है इसका उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।
फसलों को बारिश के पानी की जरूरत है 83816 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है तथा कई सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं जिन किसानों के खेतों में फसलों को पानी की ज्यादा जरूरत है वह अपने जल स्रोतों के माध्यम से स्प्रिंकलर द्वारा सिंचाई कर सकते हैं।
एसके उपाध्याय
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सारंगपुर