स्वीकृत पद की अपेक्षा कम स्टाफ के कारण बिगड़ रही व्यवस्थाएं
विधायक ने लगाए सांसद के साथ ही भाजपा नेताओं पर आरोप।
पचोर (खबर दृष्टिकोण)। जिला चिकित्सालय की हालात इन दिनों अपने हालात पर रो रही है ।क्योंकि मौसमी बीमारियों के कारण बढ़ते मरीजों की संख्या, पलंग की कमी व स्वीकृत डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर,नर्सिंग ऑफिसर की अपेक्षा बहुत कम मात्रा में यहां स्टाफ पदस्थ है। यही कारण है कि लगातार मरीजों को समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है कुछ समय पहले राजगढ़ विधायक बापू सिंह तंवर द्वारा जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया था इस दौरान जहां एक पलंग पर तीन-तीन मरीज भर्ती मिले थे वहीं साफ-सफाई व स्टाफ के व्यवहार को लेकर भी उन्होंने सिविल सर्जन के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। इसी के साथ इस हेतु का पत्र विधायक ने आयुक्त स्वास्थ्य विभाग को भी सौंपते हुए पूरे मामले से अवगत कराया था।
सिविल सर्जन ने सौंपा आयुक्त को विभिन्न कारणों का पत्र।
जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को लेकर आयुक्त को विधायक द्वारा भेजे गए पत्र के जवाब में राजगढ़ सिविल सर्जन डॉ नितिन पटेल ने पत्र लिखते हुए बताया कि इस वक्त मौसमी बीमारियों के कारण प्रतिदिन 600 से 700 मैरिज जिला चिकित्सालय में भर्ती होने आ रहे हैं ऐसे में वर्तमान में मात्र 300 पलंग पर ही यह अस्पताल संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि साफ सफाई के लिए भी आउटसोर्स कंपनी काम करती है और गार्ड का काम भी भोपाल की एक कंपनी देख रही है। पत्र में उन्होंने गार्ड की संख्या बढ़ाने का उल्लेख भी किया वहीं उन्होंने यहां पदस्थ डॉक्टरों की संख्या स्वीकृत पद से काफी कम है। उन्होंने कहा कि हम लगातार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं जल्द ही हमें 200 बेड का एक अस्पताल जो निर्माणाधीन है मिल जाएगा। इसके बाद व्यवस्थाएं सुचारू होगी।
सांसद के साथ ही भाजपा नेताओं पर लगाए आरोप
राजगढ़ विधायक बापू सिंह तंवर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूं तो हमारे लोकप्रिय सांसद बहुत ही कर्मशील व अनुभवी है। लेकिन जिला चिकित्सालय के हालात देखने कभी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि सांसद जी को पता है की वोट तो मोदी जी के नाम से मिल ही जाएंगे लेकिन अगर हस्तक्षेप किया तो कहीं नुकसान ना हो जाए। उन्होंने भाजपा नेताओं पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब जनता इलाज के लिए तड़प रही है, और नेता टिकट के लिए भोपाल,दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं ।सत्ताधारी नेताओं का फर्ज बनता है कि वह विभाग के मंत्री व महकमें से चर्चा कर यहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में सहयोगी बने, क्योंकि राजनीति अपनी जगह है इंसानियत भी जिंदा रहना चाहिए।
यह कमियां हे बड़ा कारण
जिला चिकित्सालय राजगढ़ में 300 बेड पर अस्पताल संचालित हो रहा है। जबकि 600 से 700 मरीज प्रतिदिन भरती हो रहे हैं।वहीं यहां स्वीकृत विशेषज्ञों के पद 37 हैं जबकि 14 विशेषज्ञ ही पदस्थ हैं। वही मेडिकल ऑफिसर के 25 पद स्वीकृत हैं एवं कार्यरत 12 हैं। नर्सिंग ऑफिसर की अगर हम बात करें तो 163 पद की अपेक्षा 143 नर्सिंग ऑफिसर काम कर रहे हैं।