।।एक्टिविस्ट जितेन्द्र बहादुर सिंह ने सूचना आयुक्त पर लगाया गम्भीर आरोप ।।
लखनऊ संवाददाता।
लखनऊ l राज्य सूचना आयोग में अपीलों व शिकायतों पर कितनी गंभीरता के साथ सुनवाई की जाती है इसकी पोल एक मामले से खुल गई है । एक अपील की सुनवाई में राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने एक जन सूचना अधिकारी को दिनांक 26-04-2023 को 2.50.18300/- करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाने की चेतावनी दे डाली है । जो अब प्रकाश में आया है और चर्चा का विषय बना हुवा है आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 20 (1) के अनुसार आयोग के पास 250/- रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25 हजार रुपये से ज्यादा का अर्थदंड लगाने का अधिकार ही नहीं है । इस सम्बन्ध में आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा की सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने 2.50.18300/- करोड़ रुपये का अर्थदंड लगा के अधिनियम का खुला उल्लंघन करते हुवे अपने अधिकारों का गलत इस्तिमाल किया है l और इस प्रकार जन सूचना अधिकारी पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है l
लखनऊ निवासी हरपाल सिंह ने बताया की उनके द्वारा दिनांक 15 जुलाई 2020 को अधिशासी अभियंता-1, नलकूप खंड प्रथम लखीमपुर खीरी के जन सूचना अधिकारी से जनता की कितनी शिकायतें आईं और कितनी शिकायतों का निस्तारण किया गया। साथ ही अवर अभियंता के वर्तमान वेतनमान क्या है सहित 10 बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थी । सूचना न मिलने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील धारा 19 ( 3 ) के तहत दायर की थी । जिसकी सुनवाई सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही के द्वारा सुनी जा रही थी तब सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने सूचनाएं न देने पर 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 2.50.18300/- करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाने की चेतावनी देते हुए राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने 15 सितंबर 2023 को जनसूचना अधिकारी को संबधित अभिलेख / सूचना लेकर आयोग में पेश होने के निर्देश दिया है ।