अवैध निर्माणों की रोकथाम के नाम पर वीसी को किया जा रहा गुमराह,उन्हीं का अपना अधिकारी ही कर रहा गुमराह।
प्रवर्तन में पद विपरीत चौकीदार,चैनमेन बेलदार बने सुपरवाइजर
दैनिक खबर दृष्टिकोण संवाददाता आनंद गुप्ता
लखनऊ-लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के द्वारा बिना मानचित्र स्वीकृत कराए नियम विरुद्ध लखनऊ शहर में हो रहे निर्माण पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए जा रहे हैं वहीं उपाध्यक्ष डा इंद्रमणि त्रिपाठी के कार्यकाल में अवैध निर्माण के हिमायती व दागदार सुपरवाइजर व अवर अभियंताओं की नियुक्तियां बड़े पैमाने पर की गयी है।
उपाध्यक्ष को गुमराह कर शहर में धड़ल्ले से कराये जा रहे अवैध निर्माण पर उपाध्यक्ष रोकथाम के लिए हर दूसरे-तीसरे माह करते हैं प्रवर्तन इंजीनियरों के जोनों में बदलाव, मगर लविप्रा में तैनात एक अधिकारी उपाध्यक्ष को गुमराह कर नहीं करने देता है अपने कुछ मुंह लगे डिप्लोमा इंजीनियर संगठन के अभियंताओं सुभाष शर्मा, सत्यवीर, उदयवीर, एसपी सिंह के साथ प्रवर्तन जोनों के सुपरवाइजरों के स्थानांतरण। जो पांच पांच साल से जमे हुए हैं एक ही जोन में सुपरवाइजर , जो अपने अपने जोनों के हर अवैध निर्माण के संरक्षणकर्ता बन चुके हैं ,जबकि उपाध्यक्ष ने लविप्रा के उसी अधिकारी को दे रखी है प्रवर्तन जोनों में तैनात सुपरवाइजरों, अभियंताओं के स्थानांतरण की जिम्मेदारी,यह बड़ी चालाकी से ये अधिकारी करा रहा है शहर में अवैध निर्माण, इस लविप्रा अधिकारी की चालाकी के आगे उपाध्यक्ष के सारे दांवपेच हुए हैं नाकाम।
आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में जब से डा0 इंद्रमणि त्रिपाठी उपाध्यक्ष बनकर आये हैं, तभी से ही इनके द्वारा शहर में अवैध निर्माणों की रोकथाम के लिए एक के बाद एक कदम उठाये जा रहे हैं। मगर फिर भी शहर में लगभग हर तरफ अवैध निर्माण हो रहे हैं। अवैध निर्माणों की रोकथाम के लिए उपाध्यक्ष ऐड़ी चोटी का जोर लगाये हुये हैं मगर इनको अपने हर एक कोशिशों में नाकामी ही हासिल हुयी है।
उपाध्यक्ष डा0 इंद्रमणि त्रिपाठी की इन्हीं नाकामियों के कारण को जानने के लिए पड़ताल की गई तो काफी मेहनत के बाद में इस नतीजे निकले कि अवैध निर्माणों को रोकने के लिए उपाध्यक्ष द्वारा उठाये गये प्रत्येक कदम को नाकाम करने में उन्हीं का अपना अधिकारी ही भीतर घात कर रहा है। यह अधिकारी प्राधिकरण की केंद्रीयकृत सेवा का है। और उपाध्यक्ष ने इस अधिकारी को प्रवर्तन जोनों के अभियंताओं व सुपरवाइजरों का स्थानांतरण करने का जिम्मा दे रखा है। इसी का फायदा उठाते हुये इस अधिकारी ने उपाध्यक्ष को कभी भी अवैध निर्माणों की शिकायत पर प्रवर्तन के स्वच्छ छवि के इंजीनियरों को तो बलि का बकरा बनवा दिया मगर असली खिलाड़ी यानि कि यूनियन के अभियंताओं और सुपरवाइजरों को दंड से बचाये रहा और उनको संरक्षण देता रहा। और यही असली कारण है कि राजधानी में अवैध निर्माणों का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा। जबकि अवैध निर्माणों की जब भी बाढ़ सी आती है तब हमारे भोले भाले उपाध्यक्ष साहब दनादन कर प्रवर्तन इंजीनियरों का तो तबादला कर देते हैं मगर सुपरवाइजर और यूनियन के दागी अभियंताओं पर तो इनकी नजर तक नहीं जाती है। यही कारण है कि कुछ सुपरवाइजर नाजिम रजा, कृष्ण दत्त तिवारी, राजकुमार, राजेश अवस्थी, राजेश पांडे, विनोद पांच पांच साल से एक ही प्रवर्तन जोन में टिककर अवैध निर्माणों को संरक्षण दे रहे हैं। और इन सब सुपरवाइजरों और दागी अभियंताओं का आका लविप्रा का अधिकारी इनको संरक्षण देकर इनको तबादला नीति से बाहर करे और अपनी सीट पर कुंडली मारे बैठे है।
उदयवीर सहायक अभियंता प्रवर्तन जोन 7
यहां ऐसा भी होता है पहले अवर अभियंता के पद पर अब सहायक अभियंता के पद पर तैनात – जोन 7
लविप्रा के स्थानांतरण की जिम्मेदारी संभालने वाले उस अधिकारी ने प्रवर्तन जोनों में डिप्लोमा इंजीनियर संगठन के पदाधिकारी उदय वीर अवर अभियंता को कई वर्षों से प्रवर्तन के कई जोनों में तैनात किया और तो और जोन 7 में पहले अवर अभियंता के पद तैनाती दी, फिर इसी बीच उदयवीर का प्रमोशन हो गया, अवर अभियंता से सहायक अभियंता बन गए लविप्रा के उस अधिकारी ने बड़ी चालाकी से स्थानांतरण नीति को ठेंगा दिखाते हुए प्रमोटेड सहायक अभियंता उदयवीर को जोन 7 में सहायक अभियंता पद में ही तैनाती कर दी गई। ताकि प्रवर्तन से होने वाला निजी लाभ सिद्ध हो सके।