टीएचआर प्लान्टों (टेक होम राशन प्लान्ट) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उद्यमी बनने की ओर अग्रसर।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों को पूरक खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए टी एच आर प्लांट साबित होंगे,वरदान।
लखनऊ खबर दृष्टिकोण |उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन व नेतृत्व में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों व क्रियाकलापों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा सार्थक व गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम भी निखर कर आ रहे हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों की दीदियों के आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक उत्थान की दिशा में उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं । इसी कड़ी में टी एचआर प्लान्टो की स्थापना व उन्हें क्रियाशील करने का कार्य पूरी गतिशीलता के साथ किया जा रहा है।टी. एच. आर. परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कुपोषण स्तर को कम करना है , साथ ही ग्रामीण महिलाओं सशक्त व स्वावलंबी बनाना है।आंगनवाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों को पूरक खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए टीएचआर वरदान साबित हो रहे हैं।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी० इन्दुमती ने बताया कि टीएचआर का उत्पादन करते समय गुणवत्ता मानक सुनिश्चित करने के लिये अत्यन्त सावधानी रखी जाती है। टीएचआर नमूनों की आपूर्ति से पहले अधिकृत प्रयोगशालाओं (एनएबीएल लैब) के माध्यम से परीक्षण के लिये भेजा जाता है। पोषाहार की गुणवत्ता, निर्धारित मानक अनुसार पाये जाने पर ही आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आपूर्ति की जाती है। परियोजना के सुचारू संचालन हेतु मिशन द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से खाद्यान्न के क्रय से लेकर डीजिटल बिल जेनेरेट करने तक निरन्तर अनुश्रवण किया जाता है। वर्तमान में 190 टी. एच. आर. उत्पादन ईकाईयां स्थापित की जा चुकी हैं एवं 143 टी. एच. आर. उत्पादन ईकाईयां क्रियाशील है एवं शेष वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रियाशील करने की कार्यवाही चल रही है। इन क्रियाशील टी एच आर प्लान्ट से 2860 महिलाओं द्वारा प्रतिमाह लगभग 8हजार मासिक कमाया जा रहा है।
