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टीएचआर प्लान्टों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उद्यमी बनने की ओर अग्रसर।

टीएचआर परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कुपोषण स्तर को कम करना है ।

 

महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन हेतु टीएचआर

बहुउपयोगी।

 

 

लखनऊ खबर दृष्टिकोण |राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों व क्रियाकलापों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा सार्थक व गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम भी निखर कर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन व नेतृत्व में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों दीदियों के आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक उत्थान की दिशा में उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं । इसी कड़ी में टीएचआर प्लान्टो की स्थापना व उन्हें क्रियाशील करने का कार्य पूरी गतिशीलता के साथ किया जा रहा है।टीएचआर परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कुपोषण स्तर को कम करना है , साथ ही ग्रामीण महिलाओं सशक्त व स्वावलंबी बनाना है।आंगनवाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों को पूरक खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए टी एच आर वरदान साबित हो रहे हैं।

सरकार कुपोषण दूर करने एवं महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण और उनके कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यू.पी.एस.आर.एल.एम.) द्वारा प्रोत्साहित स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) की महिलाओं के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों को पूरक खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने की दिशा में प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। यू. पी. एस. आर. एल. एम. के समूहों की महिलाओं के माध्यम से प्रथम चरण में 43 जनपदों में 204 पुष्टाहार ईकाईयां उत्पादन ईकाईयां (टी.एच.आर. उत्पादन ईकाईयां) स्थापित की जा रही है। प्रत्येक टी. एच.आर. उत्पादन ईकाई में 20 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दो शिफ्टों में काम करती हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अंतर्गत संचालित आई.सी.डी.एस. योजना में आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत लाभार्थियों जैसे- 06 माह से 03साल तक की उम्र के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा गम्भीर रूप से कुपोशित बच्चों के लिए टी. एच. आर. प्लान्ट से पोषाहार का उत्पादन एवं आपूर्ति किया जा रहा है। टी. एच. आर. परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कुपोषण स्तर को कम करना है, इसके लिए समूदाय की सहभागिता से पारदर्शी एवं गुणवत्ता, पोषाहार का उत्पादन एवं आपूर्ति के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के लिये रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस नवाचार से पोषण सम्बन्धी परिणामों के सुधार के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी० इन्दुमती ने बताया कि

टीएचआर का उत्पादन करते समय गुणवत्ता मानक सुनिश्चित करने के लिये अत्यन्त सावधानी रखी जाती है। टीएचआर नमूनों की आपूर्ति से पहले अधिकृत प्रयोगशालाओं (एनएबीएल लैब) के माध्यम से परीक्षण के लिये भेजा जाता है। पोषाहार की गुणवत्ता, निर्धारित मानक अनुसार पाये जाने पर ही आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आपूर्ति की जाती है। परियोजना के सुचारू संचालन हेतु मिशन द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से खाद्यान्न के क्रय से लेकर डीजिटल बिल जेनेरेट करने तक निरन्तर अनुश्रवण किया जाता है। वर्तमान में 190 टी. एच. आर. उत्पादन ईकाईयां स्थापित की जा चुकी हैं एवं 143 टी. एच. आर. उत्पादन ईकाईयां क्रियाशील है एवं शेष वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रियाशील करने की कार्यवाही चल रही है।

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