उरई जालौन-
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के पिता द्वारा आत्महत्या करने के एट थाने के चर्चित मामले में पुलिस की असाधारण तत्परता देखने को मिली। मुकदमा दर्ज होने के मात्र 9 दिन के अन्दर पाक्सो एक्ट की विवेचना पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र पे्रषित कर दिया गया है।
सम्बन्धित मामले में दुष्कर्म पीड़िता के ग्राम अकोड़ी बैरागढ़ निवासी पिता द्वारा आत्महत्या करने से भीषण तनाव व्याप्त हो गया था। ग्रामीण पुलिस को मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिये नहीं ले जाने दे रहे थे। बाद में अपर पुलिस अधीक्षक असीम चैधरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों और मृतक के परिजनों को किसी तरह मनाया तब शव को पुलिस अपने कब्जे में ले सकी।
पुलिस अधीक्षक इरज राजा ने घटना में पुलिस की लापरवाही को लेकर सख्त एक्शन लिया जिसमें तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र प्रताप गौतम और उप निरीक्षण अशोक कुमार कुशवाहा को उन्होंने तुरंत ही निलंबित कर दिया था। बाद में कोंच के क्षेत्राधिकारी शैलेन्द्र कुमार बाजपेयी को भी हटाकर जिला मुख्यालय से संबद्ध कर लिया।
इस मामले में मुख्य अभियुक्त डोलू उर्फ मानवेन्द्र अहिरवार निवासी वेदिका गेस्ट हाउस के पास थाना कोतवाली उरई घटना प्रकाश में आने के समय किसी और मामले में पहले से जेल में निरूद्ध था। जिसे पूंछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया
नाबालिग को फुसलाकर उसके पास ले जाने वाले देवेन्द्र अहिरवार व उसकी पत्नी लक्ष्मी को आपराधिक षड़यंत्र की धारा में जेल भेजा गया पुलिस ने मंगलवार को तीनों के खिलाफ पाक्सो एक्ट की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।