लखनऊ | उत्तर प्रदेश के पंजीकृत भौगोलिक उपदर्शन (ज्योग्राफिकल इंडिकेटर) अर्थात् जीआई उत्पादों के प्रोत्साहन हेतु कार्यशाला का आयोजन, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, निदेशालय, उप्र द्वारा किसान मण्डी भवन सभागार, गोमती नगर लखनऊ में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि डा देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग, उप्र शासन, विशिष्ट अतिथि पद्म डॉ रजनीकान्त द्विवेदी ऋषिरेन्द्र कुमार विशेष सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग, उप्र शासन अन्जनी कुमार सिंह, मण्डी निदेशक सहित प्रदेश के 13 जीआई पंजीकृत उत्पादों के रजिस्टर्ड प्रोपराइटरी, नाबार्ड, उद्यान, कृषि एवं कृषि विपणन विभाग के अधिकारियों सहित, कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जिलों से हितधारकों द्वारा आनलाइन भी प्रतिभाग किया गया।उप निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार उप्र डॉ सुग्रीव शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में भौगोलिक उपदर्शन (जीआई) हेतु कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, निदेशालय, उ०प्र० को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। माह दिसम्बर, 2022 में प्रदेश के मात्र 06 उत्पाद जी०आई० पंजीकृत थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 13 हो गई है। आगामी समय में कैम्प लगाकर मिशन मोड में जी०आई० उत्पादों के अधिकृत उपयोगकर्ता बनाने की रणनीति तय की गई।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, निदेशालय, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश के 13 कृषि एवं प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की प्रर्दशनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पद्मश्री रजनीकान्त द्विवेदी द्वारा कार्यशाला में भौगोलिक उपदर्शन पंजीयन तथा पंजीकृत उत्पादों के अधिकृत उपयोगकर्ता बनाने की प्रक्रिया के समबन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी।
