लखनऊ खबर दृष्टिकोण | उ प्र उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महिला स्वावलंबन व सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी गतिशीलता के साथ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ साथ , आमदनी बढ़ने से अपने घर -परिवार के आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक विकास में अहम् भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह एवं समूहों को ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संघ के रुप में संगठित करना और गठित स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों का प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन करना है। इससे ग्रामीण गरीब परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास कर जीवन-यापन का बेहतर अवसर प्रदान मिल रहा है।समूहों एवं उनके संगठनों की आवश्यकताओं एवं जीविकोपार्जन हेतु मिशन की तरफ से रिवाल्विंग फण्ड एवं सामुदायिक निवेश निधि प्रदान की जा रही है|मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों को बैंक से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की वार्षिक कार्य योजना हेतु प्रदेश के 75 जनपदों के 826 विकास खंडो में कुल 2,83,900 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए 39,98,900 ग्रामीण परिवार आच्छादित किये जायेंगे।इस वर्ष कुल ग्राम संगठन 40,756 एवं संकुल स्तरीय संघ 640 का गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2023-24 में कुल 2,30,000 स्वयं सहायता समूहों को 34,500 लाख रुपये का रिवॉल्विंग फण्ड, जबकि आजीविका गतिबिधियो को प्रोत्साहन हेतु 1,40,000 स्वयं सहायता समूहों को 1,54,000 लाख रुपये की सामुदायिक निवेश निधि की धनराशि दी जायेगी।इस वर्ष वित्तीय सेवाओं को ग्राम स्तर पर त्वरित गति प्रदान की दिशा में 8654 बी. सी. सखी की पदस्थापना किया जाना है। साथ ही साथ वित्तीय साक्षरता के अंतर्गत 3,84,748 लाख समूह की दीदियों का क्षमता वर्धन करते हुए वित्तीय सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए लाभान्वित किया जायेगा।
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