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मुख्यमंत्री आवास पर फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन,

 

पुलिस ने बल प्रयोग कर अभ्यर्थियों को जबरन पुलिस वाहन में बिठाकर इको गार्डन वापस भेजा, 

 

आलमबाग खबर दृष्टिकोण |नियुक्ति की मांग को लेकर धरना स्थल इको गार्डन पर बैठे चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने अनवरत आमरण अनशन के तीसरे दिन शनिवार को सैकड़ों की संख्या में एकत्र हो मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया । वही प्रदर्शन की जानकारी होने पर पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को बल प्रयोग कर जबरन पुलिस वाहन में बिठाकर इको गार्डन वापस भेज दिया । वही प्रदर्शन के दौरान फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि आज शनिवार को उनके द्वारा किए जा रहे अनवरत आमरण अनशन धरने के तीसरा दिन भी प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई भी आश्वासन नही मिला जिसके चलते वह लोग मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने के लिए आमरण अनशन धरने के क्रम में मुख्यमंत्री आवास, 5 कालिदास मार्ग पर मुख्यमंत्री से अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पहुंचे थे । लेकिन पुलिस ने उनका विरोध प्रदर्शन देख बैरिकेडिंग लगाकर सभी अभ्यर्थियों को खदेड़ने की कोशिश किया और बल प्रयोग कर फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों को जबरन पुलिस वाहन में बिठाकर धरना स्थल इको गार्डन वापस भेज दिया । वही फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों के मुताबिक उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की फार्मासिस्ट भर्ती, विज्ञापन संख्या 02-परीक्षा /2019 यूपी एस एस एस सी परीक्षा में चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों द्वारा 4 साल से लंबित फार्मासिस्ट भर्ती में नियुक्ति ना होने के चलते अपनी मांगों को लेकर इको गार्डन में अनवरत आमरण अनशन पर बैठ नियुक्ति की मांग कर रहे हैं ।अभ्यर्थियों का कहना है कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में माह फरवरी, 2019 से चल रही है। विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह पश्चात आयोग ने उक्त भर्ती का अंतिम चयन परिणाम 02 नवंबर 2021 को जारी किया था। आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में चयन को लेकर असफल अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया है । फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सुस्त कार्यप्रणाली एवं ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए आयोग एवं शासन द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता व अपर महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता द्वारा केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित ना होने की वजह से होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती विगत 4 वर्षों से लंबित पड़ी है। आयोग लंबित वादों के निस्तारण एवं भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में हो रहे विलंब के चलते चयनित बेरोजगार होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थी एवं उनके परिजन सामाजिक, मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं। वही होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि आज मुख्यमंत्री के ओ एस डी से उनके प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात हुई जहाँ से भी उन्हें आश्वासन मिला है । वही अभ्यर्थियों ने कहा है कि मांगे पूरी होने तक उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा ।

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