सैंटोस ने कहा, “जिस जगह से हमें ये प्लास्टिक के नमूने मिले, वह ब्राजील में एक स्थायी रूप से संरक्षित क्षेत्र है जहां हरे कछुए अपने अंडे देते हैं।” उन्होंने कहा कि यह खोज धरती पर इंसानों की विरासत पर सवाल खड़ा करती है। सैंटोस ने कहा कि महासागरों में गलत तरीके से डाला गया प्रदूषण, समुद्री मलबा और प्लास्टिक भूवैज्ञानिक सामग्री बन रहे हैं। (फोटो: रॉयटर्स)
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