भारत ने पिछले साल श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में मदद के लिए आर्थिक सहायता के रूप में 100 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की थी। उच्चायोग ने कहा कि भोजन, ईंधन, दवाओं, औद्योगिक कच्चे माल सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए भारत सरकार द्वारा मार्च 2022 में श्रीलंका सरकार को 100 मिलियन अमरीकी डालर की रियायती ऋण सुविधा प्रदान की गई थी।
40 लाख छात्रों की किताबें छपेंगी
इसमें से सरकारी और निजी आयातकों ने भारत से प्रिंटिंग पेपर और सामग्री खरीदने के लिए 10 मिलियन अमरीकी डालर का उपयोग किया है। उच्चायोग के मुताबिक शैक्षणिक वर्ष 2023 में श्रीलंका के 40 लाख छात्रों की जरूरत की 45 फीसदी किताबों की छपाई में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत और श्रीलंका के बीच बहुआयामी और बहुक्षेत्रीय साझेदारी है।
भारत ने 4 अरब डॉलर दिए हैं
बयान में कहा गया है, “अब तक श्रीलंका को आवश्यक वस्तुओं, पेट्रोलियम, उर्वरक, रेलवे के विकास, बुनियादी ढांचे, रक्षा क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में 4 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान की गई है।” मई 2021 में, श्रीलंका सरकार ने 51 अरब डॉलर के विदेशी ऋण का भुगतान न करने के कारण इतिहास में पहली बार चूक की घोषणा की। इसके बाद श्रीलंका के राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई थी।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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