नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शनिवार यानि 21 सितंबर से अमेरिकी के दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा शुरू होने से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका पूरा खाका दे दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी की यह 3 दिवसीय अमेरिका यात्रा होगी, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के वास्ते सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर आधारित होगी। इसमें रूस-यूक्रेन व इजरायल-गाजा में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने और ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को दूर करने का मुद्दा प्रमुख होगा।
बता दें कि पीएम मोदी, डेलावेयर के विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाली शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले विलमिंगटन पहुंचेंगे जहां वह 21 सितंबर को क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ शामिल होंगे। विलमिंगटन बाइडन का गृहनगर है।
पीएम मोदी करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
मोदी तीनों क्वाड देशों के नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। क्वाड शिखर सम्मेलन में गाजा और यूक्रेन में संघर्षों पर विचार-विमर्श के अलावा हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “हमें उम्मीद है कि कई नयी पहल की घोषणाएं की जाएगी।” क्वाड नेता कैंसर का रोगियों और उनके परिवारों पर प्रभाव, इस बीमारी को रोकने, पता लगाने, उपचार करने और इसे कम करने के लिए एक नयी महत्वकांक्षी योजना शुरू करेंगे। मिस्री ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी नेता स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आतंकवाद विरोधी और मानवीय सहायता पर चर्चा करेंगे।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी फोकस
मिस्री ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेता स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, संपर्क, आतंकवाद-निरोध और मानवीय सहायता पर चर्चा करेंगे। मिस्री ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में शांति-निर्माता के रूप में भारत की संभावित भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि नई दिल्ली इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल है। उन्होंने कहा, “हम इस समय कई महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल हैं। ये बातचीत अभी प्रगति पर हैं और हम आपको सही समय पर इस बातचीत के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे। इस दौरान पीएम मोदी की डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की संभावना है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने अभी उसका कोई दौरा नहीं किया है।