लखनऊ खबर दृष्टिको |वाणिज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस.ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद 05 वर्षों की अवधि तक जीएसटी की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से प्राप्त होने का नियम रहा है। इसके अंतर्गत जुलाई, 2017 से जून, 2022 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश के निर्धारित वर्ष 2015-16 के प्रोटेक्टेड राजस्व पर 14 प्रतिशत की वृद्धि से कम राजस्व प्राप्त होने पर भारत सरकार द्वारा जीएसटी प्रतिपूर्ति की जाती रही है।आयुक्त ने बताया कि भारत सरकार से जीएसटी प्रतिपूर्ति अंतिम रूप से प्राप्त करने हेतु नियमानुसार महालेखाकार कार्यालय से प्राप्त सत्यापित विवरण भारत सरकार को उपलब्ध कराने के संदर्भ में उत्तर प्रदेश से भारत सरकार के निर्धारित प्रारूप पर वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 तक के जीएसटी में सब्ज्यूम्ड टैक्स यथा-वैट, मनोरंजन कर, पर्यटन इत्यादि के प्राप्त राजस्व का विवरण सीएजी को सत्यापित करने हेतु भेजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 और 2020-21 की सीएजी में सत्यापन अंतिम चरण में है और 2021-22 का प्रारंभिक चरण में है। अकाउंटेंट जनरल (एजी) के अनुसार वर्ष 2022-23 में जून, 2023 तक का ऑडिट माह दिसंबर 2023 में डाटा क्लोजिंग के बाद होगा। महालेखाकार कार्यालय से वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक का सत्यापित राजस्व प्राप्त होना है, जिसके पश्चात् भारत सरकार से अवशेष प्रतिपूर्ति प्राप्त होगी।आयुक्त ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन 05 वर्षों का कोई भी सत्यापित विवरण नहीं भेजा गया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2017-18 और 2018-19 के सीएजी ऑडिट हो चुके हैं, और भारत सरकार को भेजे भी जा चुके हैं। इसमें प्रदेश को कोई धनराशि प्राप्त होना शेष नहीं है।
