लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तेज होती तैयारी के बीच में निर्वाचन आयोग भी मुस्तैद हो गया है। निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों को लेकर निर्देश जारी किया है। इससे तो संभव है कि प्रदेश में 20 दिसंबर के बाद कभी भी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार का कार्यकाल 14 मई 2022 तक है।निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर लम्बे समय से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर तत्काल हटाने के निर्देश जारी कर दिया है। आयोग के निर्देश पर अब एक ही जिले में तीन-चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी व कर्मचारी को हटाने की प्रक्रिया शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएगी। उत्तर प्रदेश के साथ ही निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंड सरकार को भी निर्देश भेजा है। गोवा सरकार का कार्यकाल 15 मार्च 2022, मणिपुर का 19 मार्च 2022 पंजाब का 27 मार्च 2022, उत्तराखंड का 23 मार्च 2022 और उत्तर प्रदेश का 14 मई 2022 को समाप्त हो रहा है।निर्वाचन आयोग के गति पकड़ने से तो लग रहा है कि प्रदेश में 20 दिसंबर के बाद कभी भी आर्दश चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके बाद संभव है कि प्रदेश में 20 जनवरी से फरवरी तक विधानसभा चुनाव सम्पन्न हों। उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 का चुनाव तय समय से होगा। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने एक नवम्बर से मतदाता संक्षिप्त पुनरीक्षण की तैयारी की है। इसका काम एक से 30 नवंबर तक होगा। प्रदेश में मतदाता संक्षिप्त पुनिरीक्षण का विशेष अभियान सम्पन्न होने के बाद 20 दिसम्बर तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण होगा। इसके बाद पांच जनवरी 2022 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। माना जा रहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। आयोग का कहना है कि जिस राज्य में चुनाव होते हैं वहां अफसरों की तैनाती को लेकर नियम हैं। ऐसे राज्यों के अधिकारी अपने गृह जिले में तैनात नहीं रह सकता है और न ही एक जगह पर चार साल से ज्यादा समय तक उसकी तैनाती हो सकती है।चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है। आयोग ने पत्र में कहा कि वह 31 दिसम्बर 2021 तक अधिकारियों के तबादले और तैनाती का काम निपटा लें। चुनाव आचार संहिता से सीधे जुड़े होने वाले अधिकारियों की नियुक्ति उनके गृह जिलों में नहीं होगी। आयोग का कहना है कि गृह जिलों में तैनात अधिकारियों का तबादला किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी किसी एक ही जिले में बीचे चार वर्ष से तैनात हैं या 31 दिसम्बर 2021 से पहले उसकी पोस्टिंग को तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं तो उसकी पोस्टिंग जारी नहीं रहेगी। यह नियम डीईओ/आरओ/एआरओ/पुलिस इंस्पेक्टर/सब-इंस्पेक्टर और इससे बड़ी पोस्ट के अधिकारियों पर लागू होंगे।