रेप केस में दोषी करार किए जा चुके आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. गुजरात की गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम बापू के खिलाफ रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है. 6 अक्टूबर 2013 को आसाराम समेत कुल 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें सबूत के अभाव में आसाराम को छोड़कर 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया था. इनमें उनकी पत्नी भी शामिल थीं. सेशन कोर्ट ने सोमवार को आसाराम को दोषी ठहराया था जिसके बाद मंगलवार को सजा सुनाई गई. कोर्ट ने पीड़िता को 50 हजार का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है.
गुजरात में गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम बापू को एक महिला शिष्या के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था. आसाराम के खिलाफ यह मामला 2013 में दर्ज किया गया था.
आसाराम को बताया था आदतन अपराधी
इससे पहले अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को दावा किया कि आसाराम बापू आदतन अपराधी है और उसने स्वयंभू बाबा पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाने का अनुरोध किया. विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर सेशन कोर्ट के न्यायाधीश डी के सोनी ने सजा पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और अंतिम आदेश दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए सुरक्षित रख लिया था.
अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी.
राजस्थान की जेल में बंद आसाराम
लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने सोमवार को कहा था, अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया और आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया. सूरत की रहने वाली एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ बलात्कार और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. एक आरोपी की मुकदमा लंबित रहने के दौरान मौत हो गई. जुलाई 2014 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था.
आसाराम बापू (81) अभी जोधपुर की एक जेल में बंद हैं जहां वह राजस्थान में 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं