संवाददाता अवनीश पाण्डेय
मोहनलालगंज, लखनऊ।
श्री कालेवीर बाबा मन्दिर प्रांगण में चल रही शिव महापुराण की पावन कथा के समापन दिवस पर आज कथा व्यास शिवम दीक्षित ने शिव ज्योतिर्लिंगों के महत्व, रूद्राक्ष कथा, हनुमत चरित्र तथा भगवान भोलेनाथ के विभिन्न अवतारों की कथा सहित अन्य कई कथाओं का रोचक रसपान सभी भक्तों को कराया।
कथा व्यास शिवम दीक्षित ने कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुये कहा कि शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव लोक कल्याण के लिए इस धराशाई पर लिंग के रूप में वास करते हैं और भगवान शिव के बारह विग्रहों को द्वादश ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। यह 12 ज्योतिर्लिंग अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं। श्रावण मास में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन की बड़ी मान्यता है । भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं । कथा व्यास ने सोमनाथ,मल्लिकार्जुन, महा कालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यमबकेश्वर, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा का मधुर रसपान कराते हुये इनकी उत्पत्ति एवं महत्व आदि का वर्णन किया
यज्ञाचार्य आदित्य द्विवेदी एवं राजेश बाजपेयी ने मुख्य यजमान गोपाल शुक्ला तथा सह यजमान सतीश मिश्र, कमलेश द्विवेदी, हरि गोविन्द मिश्र, राज कुमार अवस्थी, राम किशोर बाजपेई से विधिवत पूजन पाठ कराया।
कथा व्यास शिवम दीक्षित तथा उनके सहयोगी संगीतकार सूरज द्विवेदी, दीपक अवस्थी एवं गोवर्धन तिवारी ने ” दीवाना तेरा आया भोले तेरी नगरी में तथा इक दिन वो भोले भण्डारी बन करके ब्रजनारी वृन्दावन आ गये ” गाकर सभी भक्तों को भावविभोर कर दिया। शिव महापुराण कथा के इस पावन अवसर पर पत्रकार अखिलेश द्विवेदी, अवनीश पाण्डेय, मुकेश द्विवेदी, ललित दीक्षित, नवीन वर्मा, राघवेन्द्र तिवारी, अनुराग तिवारी एवं मन्दिर समिति के प्रबन्धक देवेन्द्र पाण्डेय, विजय द्विवेदी, बसन्त मिश्र, नव जीवन इण्टर कालेज के प्रबन्धक अनिल दीक्षित तथा शिक्षक अतुल पाण्डेय, देवी शंकर त्रिवेदी, अजय शुक्ला, शालिनी तिवारी और पुजारी अशोक दीक्षित, सूर्य कुमार व गुड्डू दीक्षित सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे। कथा के समापन के उपरान्त समिति द्वारा बताया गया कि कल प्रातः 5 बजे हवन और 7 बजे कन्या भोज का आयोजन श्री कालेवीर बाबा मन्दिर प्रांगण में होगा ताकि चन्द्र ग्रहण का सूतक लगने के पूर्व ही सभी कार्यक्रम सम्पन्न हो सकें।
