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जिला अधिकारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता गोष्ठी का आयोजन हुआ

 

खबर दृष्टिकोण

रिपोर्ट मो० अहमद चुनई

 

पुरवा उन्नाव प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॅार इन सीटू मैनेजमेंट आफ क्राॅप रेजीड्यू वर्ष 2022-23 के अंतर्गत कृषि भवन उन्नाव परिसर में जिलाधिकारी अपूर्वा दूबे की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय फसल अवशेष प्रबन्धन जागरूकता गोष्ठी तथा जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

 

प्राप्त विवरण के अनुसार शुक्रवार को उक्त गोष्ठी में जिलाधिकारी ने फसल अवशेष/पराली प्रबन्धन को लेकर उपस्थित किसानों को अवगत कराया कि पराली को कदापि न जलाया जाए। इससे कई तरह के नुकसान होते हैं। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा खेतों में केंचुए मर जाते हैं, जमीन में लाभदायक जीवाणुओें की क्रियाशीलता कम हो जाती है, जिससे फसलों के पैदावार में कमी हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसान बन्धु पराली जलाये नहीं बल्कि खाद बनाने में प्रयोग करें। फसल अवशेष को जुताई कर मिट्टी में मिलाएं और सिंचाई करें। इससे खेत की जल धारण की क्षमता बढ़ती है तथा खेत में जीवांश की मात्रा बढ़ने से लाभदायक जीव केंचुआ आदि पनपते हैं जिससे खेत उपजाऊ बनते है तथा फसलों की उपज बढ़ती है। उन्होंने कहा कि किसान बन्धु अपनी फसल अवशेषों को नजदीकी गौशालाओं में देकर उसके बदले गोबर की खाद प्राप्त कर सकते । राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण अधिनियम की धारा 24 एवं 26 के अंर्तगत खेत में फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है। पर्यावरण क्षति पूर्ति हेतु दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए प्रति घटना 2500 रू0, दो एकड़ से पाॅच एकड़ क्षेत्र के लिए प्रति घटना 5000 रू0, पाॅच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए प्रति घटना 15000 रू0 आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया गया है। अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा।

इस मौके पर विभिन्न विभागों द्वारा किसानों के हितार्थ कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी दी गयी तथा अपील की गयी कि समस्त किसान भाई अपनी फसलों का फसल बीमा अवश्य करवायें। गोष्ठी में उपस्थित वरिष्ठ कृषि विज्ञानिकों द्वारा किसानों को उन्नत तथा टेक्निकल खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसान बन्धु नवीन कृषि पद्यति अपनाकर तथा सरकार की अनुदान परक योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आय को दो गुना कर सकते है। गोष्ठी के उपरान्त डीएम द्वारा किसान बन्धुओं को रबी फसल हेतु बीज किट वितरित की गयी तथा खेतों पर जाकर गौआधारित प्राकृतिक खेती से तैयार धान की फसल की संभावित उपज का जायजा लिया गया। इस मौके पर उप निदेशक डा0 मुकूल तिवारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 दत्तात्रेय पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी कुलदिप मिश्र, डीडीएम नाबार्ड ऋचा बाजपेयी, सूचना सहायक आर पी वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ कृषि विज्ञानिक एवं किसान बन्धु मौजूद रहे।

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