ध्वस्तीकरण आदेश के बावजूद भी नगर निगम ने नहीं की ध्वस्तीकरण की कार्यवाई

सरकारी भूमि पर झोपड़पट्टी बना बांग्लादेशी व आसामियों से प्रतिमाह की जाती है मोटी कमाई
नगर निगम व भूमाफिया के मिलीभगत से सालो से हो रहे खेल , जिम्मेदारों ने साध रखी है चुप्पी
नगर निगम जोन 8 औरंगाबाद जागीर का मामला ,
खबर दृष्टिकोण।
*वरिष्ठ संवाददाता अमित श्रीवास्तव*
आलमबाग|
एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ प्रदेश भर में अवैध कब्जेदारों भूमाफियाओ व माफियाओ के अवैध तरीके से कमाई गई सम्पत्तियो पर बुलडोजर चला ध्वस्तीकरण की कार्यवाई कर उनकी कमर तोड़ने का काम कर रहे है तो वहीं दूसरी सरकारी विभाग मुख्यमंत्री के मंसूबो पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे है ऐसा कुछ हाल नगर निगम का है जहां अवैध कमाई की लालच में भूमाफियाओ को संक्षरित कर विभाग के सरकारी भूमि पर कब्जा करा अवैध धन अर्जित कर रहे है सरकारी आदेशों की धंज्जियाँ उड़ा रहे है | ऐसा ही कुछ मामला नगर निगम जोन 8 का प्रकाश में आया है जोकि नगर निगम की औरंगाबाद जागीर में स्थित भूमि खसरा संख्या 324,364 व 369 कुल सत्रह विघा भूमि सरकारी अभिलेखों में दर्ज है जोकि नगर निगम की है जिस पर क्षेत्र के एक प्रॉपर्टी डीलर भूमाफिया अतीक अहमद ने कब्जा कर रखा है और इन खाली पड़ी भूमि पर झुग्गी झोपड़ी बना लगभग सैकड़ो बांग्लादेशियो एवं आसामियों को किरायेदार के रूप में रख रखा है जिन भूमि पर ये लोग घरो से एकत्र कूड़ा कबाड़ भी फैला कर रखते है | झोपड़ियों में रहने वाले आसामियों व बांग्लादेशियो के मुताबिक वो लोग प्रत्येक माह तीन हजार रूपये किराया अतीक अहमद को देते है | जानकारी के मुताबिक सरकारी भूमि से वसूले गए इस किराये का हिस्सा नगर निगम लेखपाल लाल बहादुर को भी जाता है | स्थानीय लोगो ने बीते दिनों इसका विरोध भी किया था और इन लोगो की झुग्गी झोपडी को हटाने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया था जिस पर नगर निगम के ऊंच अधिकारियो ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जाँच कर ध्वस्तीकरण कर भूमि को कब्जा मुक्त कराने का आदेश भी जारी किया था इसके बावजूद विभाग के मातहत लेखपाल संग मिलीभगत कर केवल कागजो में कीमती भूमि को खाली कराया गया कब्जा जस का तस बना हुआ है और अवैध कमाई बदस्तूर जारी है | वहीं इस मामले में जब क्षेत्रीय नगर निगम लेखपाल लाल बहादुर से बात करने का प्रयास किया गया तो वह अपनी व्यस्तता जाहिर कर गोलमोल जबाब दे चलते बने |
