खबर दृष्टिकोण
संवाददाता कोंच
कोंच- रामलीला रंग मंच पर गुरुवार रात को भरत मनौआ लीला का मंचन किया गया जिसमें भरत आगमन, भरत मनावन, पादुका प्रदान और जयंत लीला का मनोहर मंचन किया गया।
नगर की ऐतिहासिक रामलीला रंग मंच पर नगर के स्थानीयता कलाकारों द्वारा रंग मंच पर भरत ने अयोध्या आते ही अपनी मां कैकयी को जमकर खरी खोटी सुनाई जिसमें पिता दशरथ मृत्यु का समाचार सुनकर भरत-शत्रुधन अपनी ननिहाल से वापस आते ही जब भरत को प्रभु श्रीराम के वन गमन की जानकारी होती है तो वह इसका कारण जानकर हैरान हो जाते हैं। क्योंकि उनकी माता कैकई ने राजा दशरथ से मांगे गए दो वरदान में एक तो भरत को राजगद्दी और दूसरे में श्री राम को वन भेजने की जानकारी मिलने पर वह प्रभु श्रीराम को लेने के लिए अयोध्या से पंचवटी पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर वह भगवान राम से आग्रहपूर्वक कहते कि आप अयोध्या की राजगद्दी संभाले। भगवान श्रीराम ने भरत सहित सभी से कहते हैं कि मैं वन से राजा दशरथ की आज्ञा से आया हूं और समाज को भयमुक्त करके ही अयोध्या लौटूंगा। भरत ने प्रभु श्रीराम से कहा कि आप ऐसी कोई चीज दें जिसे रखकर मैं अयोध्या को चला सकूं। तब भगवान राम ने अपनी चरण पादुका भरत को दी। तब भरत ने ज्योतिषयों को बुलाकर चरण पादुकाओं को सिंघासन पर विराजित किया वही राम को राजा निसादराज भी उन्हें मनाने लगे और उनकी मित्रता श्रीराम से हो गयी इस दौरान निसादराज ध्रुव सोनी अंकित सन्तोष त्रिपाठी सहित आदि कलाकारो ने सुंदर मंचन कर लोगो का मन मोह लिया।
