कोंच- रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात राम वनवास लीला का मंचन किया गया।
लीला में दर्शाया गया कि महारानी कैकई हठ पूर्वक दो वरदान मांगती है लीला में दिखाया गया कि बाद राम को वनवास हो जाता है और वह पिता की आज्ञा सिर माथे पर रखकर वन के लिए प्रस्थान करते हैं। उनके साथ सीता और लक्ष्मण भी वन के लिए प्रस्थान करते हैं
*दृश्य 1*
मंगलवार की रात रामलीला के मंचन के दौरान दर्शाया गया कि राजा दशरथ का दरबार लगा है, इस दौरान दशरथ श्री राम के राज्याभिषेक की घोषणा करते हैं। यह सुनते ही देवराज इंद्र घबड़ा जाते हैं कि अगर राम का राज्याभिषेक हो गया तो राक्षसों का संहार कैसे होगा अत: सभी देवतागण माता सरस्वती का आह्वान करते हैं और मंथरा की मति भ्रष्ट करने की प्रार्थना करते हैं। देवताओं की प्रार्थना पर मां सरस्वती मंथरा की बुद्घि भ्रष्ट कर देती हैं। इसके बाद राजा दशरथ की दूसरी रानी कैकेयी की खास दासी मंथरा को जब राम राज्याभिषेक की खबर मालूम होती है तो वह इसे रोकने का जतन करने में जुट जाती है।
*दृश्य 2* दिखाया गया कि रानी कैकेयी अपनी सखियों के साथ महल के उद्यान में झूले का आनंद ले रही है और सखियां गीत गाकर रानी का मन बहला रहीं हैं। इसी बीच मंथरा वहां गुस्से में प्रवेश करती है तो रानी उससे इसका कारण पूछती है। मंथरा रानी को भरमाने लगती है कि राजा दशरथ कौशल्या के पुत्र राम को राजा बनाने जा रहे हैं। मंथरा किसी तरह कैकेयी को समझाने में सफल हो जाती है कि अगर राम राजा बने तो कैकेयी की स्थिति दासियों जैसी हो जाएगी। मंथरा के बहकाने पर कैकेयी कोप भवन में चली जाती है। इसके बाद मनाने आए राजा दशरथ से राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत का राज्याभिषेक का वरदान मांगती है इस दौरान रामलीला लोगो की भारी भीड बनी रही है।
