लखनऊ, । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ गिरफ्तार उसके साथी आलम उर्फ मोहम्मद आलम को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। आलम अपनी ओला कैब से सिद्दीक कप्पन को हाथरस ले जा रहा था लेकिन मथुरा के मांठ थाना क्षेत्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान अभियुक्त आलम उर्फ मोहम्मद आलम का केस अभियुक्त सिद्दीक कप्पन के केस से अलग है, जिसकी जमानत दो अगस्त 2022 को खारिज कर दी गई थी। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने मोहम्मद आलम की अपील पर पारित किया।हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिकार्ड पर जो भी तथ्य मौजूद हैं, उन्हें देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोप सत्य हैं। प्रथम दृष्टया उसकी आतंकी अथवा देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता परिलक्षित नहीं होती।अपील का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त ने सवा दो लाख रुपये कार खरीदने के लिए लिया था, साथ ही यह भी कहा गया कि वह दिल्ली दंगे के अभियुक्त दानिश का रिश्तेदार है।कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त की ओर से इन दोनों आरोपों की सफाई दी जा चुकी है कि सवा दो लाख रुपये उसने उधार लिए थे व दानिश के आपराधिक कृत्य से उसका कोई लेना देना नहीं है।उल्लेखनीय है कि पांच अक्टूबर, 2020 को हाथरस में एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुराचार की घटना घटित हुई थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।