कानपुर, । इत्र कारोबारी पीयूष जैन की ओर से एक करोड़ रुपये की बैंक गारंटी प्रभारी स्पेशल सीजेएम कोर्ट में जमा कर दी गई है जिसे बैंक ने भी सत्यापित कर दिया है। यह बैंक गारंटी विदेशी सोना मामले में हाईकोर्ट से मिली जमानत के एवज में दी गई है। इस संबंध में निदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस की ओर से भी पत्र जारी किया है। बैंक गारंटी का पत्र कोर्ट में जमा होने बावजूद पीयूष को अभी रिहाई नहीं मिलेगी क्योंकि 196 करोड़ रुपये बरामदगी मामले में अभी उसे जमानत नहीं मिली है। उधर, बुधवार को हुई वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई में रुपये बरामदगी मामले में पीयूष का रिमांड 24 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है।इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर और कन्नौज स्थित फर्म में डीआरआइ अहमदाबाद की टीम ने दिसंबर 2021 में छापा मारा था। छापे में डीआरआइ को आनंदपुरी से 196 करोड़ रुपये नकद मिले थे जबकि कन्नौज स्थित फर्म से 23 किग्रा विदेशी सोना और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ था। विदेशी सोना मामले में हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को इत्र कारोबारी की जमानत स्वीकार करते हुए 20-20 लाख की दो जमानत और एक करोड़ रुपये की गारंटी जमा करने पर रिहाई के आदेश दिए थे।हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद ओडोकैम इंडस्ट्री की आग्रह पर एक करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दे दी।चार अगस्त को पीयूष के स्वजनों ने डीआरआइ को हाईकोर्ट का आदेश और बैंक गारंटी की प्रति दी। इस पर डीआरआइ ने बैंक गारंटी की सत्यता के संबंध में बैंक से संपर्क किया जिस पर बैंक आफ इंडिया हरदोई के जोनल मैनेजर ने बैंक गारंटी की पुष्टि की। विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि डीआरआइ की ओर से बैंक गारंटी की पुष्टि करते हुए कोर्ट में पत्र दिया गया जिस पर न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए रिहाई के आदेश दिए हैं। 20-20 लाख की जमानत के एवज में दो ट्रक की आरसी लगायी गई है।हालांकि अभी पीयूष को रिहाई नहीं मिलेगी क्योंकि उसे रुपये बरामदगी मामले में अभी जमानत नहीं मिली है।