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पाकिस्तान चुनाव: इमरान खान के आगे नहीं झुकेंगे पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ, देश में समय से पहले नहीं होंगे चुनाव

इस्लामाबादसत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल कर जल्दी चुनाव की उम्मीद जता रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह निर्धारित समय से पहले चुनाव कराने के मूड में नहीं है. साथ ही गठबंधन सरकार 17 अगस्त 2023 तक सत्ता में रहेगी और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीएम शाहिद खाकान अब्बासी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी जल्द चुनाव नहीं कराएगी। यह बात उन्होंने सामना टीवी के कार्यक्रम को दिए इंटरव्यू में कही है। पंजाब उपचुनाव के बाद इस बात पर बहस चल रही है कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या जल्दी चुनाव कराएगी।

अर्थव्यवस्था को बचाना होगा
टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए अब्बासी ने इस संभावना से साफ इनकार किया कि देश में जल्द ही चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि जो सरकार अभी सत्ता में है वह इमरान सरकार से 10 गुना बेहतर है। अब्बासी ने कहा कि उन्होंने अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए यह कठिन फैसला लिया है। अब्बासी ने कहा, ‘इमरान की नीतियों ने बजट नीतियों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया और हम सभी इसकी कीमत चुका रहे हैं। इमरान जो तूफान लाए थे, वह साधारण नहीं था।

अब्बासी ने कहा कि डॉलर के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी के कई कारण थे और शेयर बाजार हिल गया है। “डॉलर पूरी दुनिया में मजबूत हो रहा है, जबकि देश में आंतरिक राजनीतिक स्थिति के कारण शेयरों में गिरावट आ रही है,” उन्होंने कहा। अब्बासी ने स्वीकार किया कि राजनीतिक अस्थिरता ने अर्थव्यवस्था के पतन में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
चुनाव में कितना खर्च आएगा
अगर देश में अगस्त 2023 से पहले चुनाव हो जाते हैं तो यह अर्थव्यवस्था के लिए किसी बोझ से कम नहीं होगा. साल 2018 में जब चुनाव हुए थे तो 21 अरब रुपये खर्च किए गए थे. यह आंकड़ा 2013 के मुकाबले पांच गुना ज्यादा था। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने ही इस बात की जानकारी दी थी कि चुनाव इतिहास के सबसे महंगे चुनाव हैं।

26 मई 2022 को पीएम शाहबाज शरीफ की सरकार की ओर से देश की नेशनल असेंबली में आम चुनाव पर हुए खर्च की जानकारी दी गई. सरकार ने कहा था कि साल 2023 में होने वाले चुनाव में 47.41 अरब खर्च होंगे. यानी दोगुने से भी ज्यादा और साल 2018 के बाद ये इतिहास के सबसे महंगे चुनाव होंगे.

Source-Agency News

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