अवर अभियंता डीएन सिंह,धनीराम भार्गव,राजेश पाल,श्रवन कुमार, रामकृष्ण श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी/ बडे़ बाबू,वरिष्ठ सहायक महेश प्रसाद यादव,अमित श्रीवास्तव वरिष्ठ सहायक निर्धारित समयसीमा पार
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की तरह,मंत्री जितिन प्रसाद को लोनिवि पर एक्शन की जरूरत
पवन कुमार सिंह
सीतापुर। वर्षों से चली आ रही विभागीय रूपरेखा पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में आक्रामक रवैया दिखाया और यह साफ कर दिया,की पहले जिस तरह की कार्यशैली अधिकारी कार्य करते थे,वह अब चलने वाला नहीं भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही होगी,अधिकारी अपनी कार्यशैली को बदल दें अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। जिसके चलते मुख्यमंत्री ने विभागों में हुए भ्रष्टाचार पर कई कार्यवाहीया कीं, परंतु इन सभी बातों के मद्देनजर अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार हुआ लेकिन अभी भी कुछ क्या वही पुरानी कार्यशैली पकड़ कर बैठे हुए जो पहले जैसी थी। जिस पर शायद ध्यान देना अभी बाकी है। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के प्रति पहल और जनता में सुरक्षित समाज की परिकल्पना का जो सपना है उस पर अधिकारी खरे नहीं उतर रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री के सपनों को पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं मामला प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग सीतापुर का है जहां वर्षों से एक ही जगह पर कर्मचारी कार्य कर रहे हैं,लेकिन अभी तक उन को इधर से उधर नहीं किया गया है।इसका क्या मतलब है? स्थानांतरण नीति पर विभागीय कार्य शैली पर पहले ही प्रश्नचिन्ह लग चुका है। जिस पर अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग मलखान सिंह सहित विभागीय उच्चाधिकारी सवालों के घेरे में हैं?बताते चलें की प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में वर्षों से तैनात हैं, और क्षेत्र(फील्ड) तथा पटल में जो तैनाती है शासनादेश के अनुसार समय सीमा पार हो चुकी है। जिसमें जनपद में विगत लगभग18 वर्षों से तैनात अवर अभियंता डीएन सिंह जो क्षेत्र(फील्ड)में निर्धारित समयावधि से ऊपर हैं,व शासनादेश के अनुसार क्षेत्र(फील्ड)में निर्धारित समय सीमा से ऊपर अवर अभियंता धनीराम भार्गव,अवर अभियंता राजेश पाल,अवर अभियंता श्रवन कुमार,निर्धारित समय सीमा पार कर चुके पटल पर रामकृष्ण श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी जो बडे़ बाबू का कार्य देख रहे हैं तथा वरिष्ठ सहायक महेश प्रसाद यादव,अमित श्रीवास्तव वरिष्ठ सहायक के नाम शामिल हैं। लेकिन सवाल खड़ा होता है कि इस पर लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड सीतापुर गौर कब करेगें,अधिशासी अभियंता जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे मलखान सिंह शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैतालिस-4-2022(1/3/96)समूह(ग) कर्मचारियों का पटल/क्षेत्र (फील्ड) को देखते हुए शासन आदेश का पालन कब करेंगे?आखिर कौन सी ताकत उन्हें ऐसा करने से रोक रही है? क्या राजनीतिक दबाव है,या वरिष्ठ अधिकारियों का क्या ऊपर से मौखिक आदेश?फिलहाल यह सवाल खड़े होते हैं और इन दिनों इन सवालों की चर्चा प्रांतीय खंड में काफी हो रही है। बताते चलें कि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की तेजतर्रार कार्यशैली से काफी खासा जनमानस प्रभावित है जिसकी बातें हो रही है कि गत दिवस अचानक उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक डीजीएमई ऑफिस पहुंच गए,वहां पर छापामार घंटों निरीक्षण किया फाइलें खंगाली,स्थानांतरण संबंधित फाइल तलब की,इसके बाद सीएमओ दफ्तर में भी दस्तक दी।जिससे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की इस कार्यशैली की काफी बातें होने लगी अब यह भी निकल कर आ रहा है कि इसी तरीके की छापामारी कार्यशैली की आवश्यकता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग सीतापुर को भी है अगर ऐसा होता है,तो यह तय है कि विभाग की कलई खुल जाएगी। विभाग में जो हो रहा है वह खुद-ब-खुद विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के सामने आ जाएगा।लेकिन यह कब और कैसे होगा यह कहना तो मुश्किल है। लेकिन इस तरीके की ताबड़तोड़ कार्यशैली की प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग सीतापुर जरूरत है और तभी सुधार हो सकता है ।…आगे