कानपुर, ।गंगा बैराज पर बुधवार शाम नहाने गए तीन दोस्त डूबने लगे। शोर सुनकर दौड़े गोताखोरों ने एक युवक को बचा लिया जबकि दो गहराई में जाकर डूब गए। एक घंटे की मशक्कत के बाद एक युवक का शव बरामद हुआ, लेकिन देर शाम तक दूसरे का पता नहीं चल सका। बेटे के गंगा में डूबने की सूचना पाकर पहुंचे स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गुरुवार को गंगा में तलाशी अभियान चलाया जाएगा। बिल्हौर के उत्तरीपुरा निवासी शिक्षक शेषनारायण त्रिपाठी कस्बे में ही अपना स्कूल चलाते हैं। परिवार में पत्नी वंदना, बेटी काव्या और 20 वर्षीय इकलौता बेटा रामांश उर्फ रज्जू है। उन्होंने कल्याणपुर के आइआइटी सोसाइटी में मकान बनवाया है, जहां वह परिवार के साथ रहते हैं। रामांश सीएसजेएमयू से बीसीए फाइनल इयर का छात्र था, पिता ने बताया कि बुधवार सुबह वह कालेज जाने की बात कहकर निकला था। रामांश शाम को मकड़ीखेड़ा निवासी दोस्त बीए के छात्र संस्कार पाठक और मूलरूप से हरदोई सांडी के सराय मुल्लागंज निवासी वासुदेव पाठक के 22 वर्षीय इकलौते बेटे वरुण पाठक के साथ गंगा बैराज जा पहुंचा। तीनों पुल पार करके दूसरी ओर नीचे उतरकर नहाने लगे इस दौरान सभी गहराई में जाकर डूबने लगे। शोर सुनकर दौड़े गोताखोरों ने संस्कार पाठक को बचा लिया लेकिन रामांश और वरुण गहराई में जाकर डूब गए। सूचना पर कोहना थाना प्रभारी रजनेश तिवारी ने दोनों की तलाश में गोताखोरों को लगाया। एक घंटे की मशक्कत के बाद वरुण का शव बरामद हो गया, जबकि देर शाम तक रामांश का पता नहीं चल सका। थाना प्रभारी ने बताया कि गुरुवार को दोबारा तलाशी अभियान चलाया जाएगा, वरुण के स्वजन को सूचना दी गई है देर रात तक वह शहर पहुंचेंगे। इकलौते बेटे रामांश के डूबने की खबर सुनकर मौके पर पहुंची मां वंदना और बहन काव्या का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बच्चों को पढ़ाने के लिये ही पिता शेषनारायण ने कल्याणपुर में मकान बनवाया था, उन्हें क्या पता था कि ऐसा हो जाएगा। वहीं, देर शाम पुलिस ने जब वासुदेव पाठक को उनके इकलौते बेटे वरुण की मौत की खबर दी तो पत्नी रुक्मणी और बेटी गुंजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वरुण लखनऊ के एक कालेज से बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र था।गंगा बैराज पर हुए कई हादसों में अब तक करीब 50 से अधिक लोग जान गवां चुके हैं इसके बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। बैराज पुल पार करके दूसरी ओर रेती में उतरकर युवक और युवतियां पत्थर पर बैठकर गंगा में पैर डालकर सेल्फी लेते हैं। पुलिसकर्मियों के लगातार मना करने के बावजूद लोग चोरी छिपे यहां पहुंच जाते हैं।