लखनऊ, । सरकारी और निजी संस्थानों में मैन आपूर्ति करने वाली बड़ी टैक्स चोरी के लगातार आ रहे मामलों के बाद एक और कंपनी जीएसटी टीम के राडार पर आ गई। हजरतगंज की इस फर्म ने 90 लाख का खेल किया लेकिन प्रवर्तन टीम के सदस्यों ने धर लिया। कागजों पर होता खेल देख अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। जांच के बाद 89.44 लाख रुपया सरकारी खाते में जमा कराया है। एडिशनल कमिश्नर केके उपाध्याय के निर्देश पर ज्वाइंट कमिश्नर अखिलेश कुमार सिंह, संजय कुमार भदौरिया के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर संजय आर्य, एसी अखिलेश मिश्र, भावेश तिवारी के दल ने हजरतगंज स्थित मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनी के प्रपत्रों की जांच की। पड़ताल के दौरान रिटर्न में कर की देयता होने के बाद भी फर्म की ओर से पैसा जमा नहीं किया गया था। शनिवार को शुरू हुई इस पड़ताल में रिटर्न की छानबीन के दौरान जीएसटी चोरी का राजफास हुआ। इसमें रिटर्न में 90 लाख की कर देयता सामने आई है।अधिकारियों ने जुर्माने और कर का पूरी धनराशि जमा करा ली है।एक माह के भीतर तीसरी बड़ी टैक्स चोरी सामने आई है। इससे पहले गोमतीनगर क्षेत्र में भी एडिशनल कमिश्नर भूपेंद्र शुक्ला के दल ने डेढ़ करोड़ मैन पावर सप्लाई करने वाली फर्म से जमा कराया था। इसके बाद दो अन्य फर्मों से ग्रेड वन की टीम ने करीब 75 लाख रुपया कर चोरी का जमा कराया था। इस बार भी करीब 90 लाख रुपया जीएसटी दल द्वारा जमा कराया गया है।