सिर्फ जनप्रतिनिधि ही नहीं, अफसर भी प्राइमरी तथा बेसिक स्कूलों को गोद लेंगे
प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाएगा
स्कूलों को छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी
लखनऊ, । कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब दो वर्ष तक स्कूल जाने के वंचित रहे बच्चों की चहक एक बार फिर से स्कूलों में गूंजेगी। उत्तर प्रदेश में सोमवार से सभी स्कूलों में बच्चे नए सत्र में प्रवेश लेने के साथ ही नए कलेवर में पढ़ाई प्रारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को श्रावस्ती में उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूल चलो अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इस दौरान उनके साथ बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह भी रहेंगे।सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह श्रावस्ती के इकौना ब्लॉक के जयचन्दपुर-कटघराके प्राथमिक विद्यालय में दस 10 बजे स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ करेंगे। उत्तर प्रदेश में सोमवार के स्कूल चलें हम एक बार फिर से गूंजेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की हालत में काफी सुधार हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में भी प्रवेश बड़ी संख्या में हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों के प्रति भी अभिभावकों का रुझान काफी बढ़ा है। उनका निर्देश है कि सिर्फ जनप्रतिनिधि ही नहीं, अफसर भी प्राइमरी तथा बेसिक स्कूलों को गोद लें। प्रदेश में स्कूली शिक्षा के प्रति बच्चों और अभिभावकों को जागरूक बनाने के लिए सोमवार से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह वृहद अभियान पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक तौर पर चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण बच्चों के दो वर्ष शैक्षिक स्तर पर कमजोर रहे जिसे आगे गति देने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और राज्य के प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तो शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सक्रिय हो गए हैं। एक बड़े अभियान के तहत वह सरकार के सभी प्राथमिक तथा बेसिक स्कूलों का कायाकल्प करने में लगे हैं। वह साथ ही प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा के भविष्य को आकार देने और विद्यालयों के समग्र विकास की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।सरकार ने भी स्कूल चलो अभियान के लिए श्रावस्ती का चयन इसी कारण से किया है, क्योंकि यहां पर सबसे कम साक्षरता दर है। श्रावस्ती के बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर का नंबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाए और राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के सभी लक्ष्यों को हासिल करना चाहिए, जिसका उद्देश्य स्कूलों को नया रूप देना है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों को छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। अभियान के तहत छात्रों को वर्दी और जूते और मोजे उपलब्ध कराए जाएंगे।उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को सरकारी स्कूलों के परिवर्तन के लिए पूर्व छात्रों (सरकारी स्कूलों के) और निजी फर्मों के साथ सहयोग करने का अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने इस अभियान के लिए कमर कसने और सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को भी निर्देश जारी किया है। स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत कम साक्षरता वाले जिलों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा गया है कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने अपनी सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं।मुख्यमंत्री ने अभियान की तैयारी के क्रम में उच्च अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए थे कि सभी अध्यापक घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। स्कूल चलो अभियान के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। सभी विधायकगण एक-एक विद्यालय को गोद जरूर लें। इसके साथ ही अधिकारी भी स्कूलों को गोद लें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि शिक्षकों की तैनाती से लेकर बुनियादी सुविधाओं का समयबद्ध अभियान चलाया जाए। हर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती हो।