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बाबर की हत्या के मामले में सीएम योगी बेहद सख्त, जांच का आदेश

  • निर्देश दिया जांच निष्पक्ष हो और किसी भी दोषी के साथ जरा-सी भी ढिलाई ना की जाए
  • मिठाई बांटने को लेकर पिटाई से हुई थी मौत
  • आक्रोशित परिजनों और गांव के लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था

 

लखनऊ, । उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर खुशी मना रहे कुशीनगर के युवक बाबर की पिटाई से मौत के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबर की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करने के साथ ही परिवार के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस प्रकरण की शीघ्र ही जांच का आदेश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि जांच निष्पक्ष हो और किसी भी दोषी के साथ जरा-सी भी ढिलाई ना की जाए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर में 20 मार्च की घटना के बाद रविवार रात बाबर की मौत पर गहरा दुख जताया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में बाबर की पिटाई का प्रकरण बेहद ही निंदनीय है। बाबर की पिटाई से मौत पर गहरा शोक व्यक्त करने के साथ मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना भी जताई। उन्होंने कुशीनगर के एसपी को इस प्रकरण की तत्काल तथा निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश दिया है। इसके साथ ही शासन तथा पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को जांच पर नजर रखने का निर्देश दिया है। बाबर कुशीनगर के कठघरही गांव के निवासी थे।गौरतलब है कि कुशीनगर में 20 मार्च को मुस्लिम युवक बाबर की भाजपा का प्रचार करने और भाजपा को बहुमत मिलने पर मिठाई बांटने को लेकर पिटाई कर दी गई। पिटाई के बाद बाबर को छत से फेंका गया। इसके बाद उनको परिवार के लोगों ने गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। युवक का शव गांव पहुंचा तो आक्रोशित परिजनों और गांव के लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।दस मार्च को मतगणना के दिन यूपी में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद बाबर ने पूरे गांव में मिठाई बांटी थी। परिवार के लोगों के मुताबिक, पड़ोस में रहने वाले पट्टीदार इस बात पर नाराज थे कि बाबर भाजपा का प्रचार कर रहा है। वह लोग कई बार बाबर को बीजेपी का प्रचार करने से मना कर चुके थे। आरोप है कि बाबर ने रामकोला थाने से लेकर कई अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन उसकी गुहार नहीं सुनी गई। इस वजह से दबंगों के हौसले बुलंद हो गए।इलाज के लिए बाबर को पहले जिला अस्पताल, फिर लखनऊ में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बाबर की पत्नी ने रामकोला थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 27 मार्च को बाबर का शव गांव में पहुंचा तो लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। क्षेत्रीय विधायक पीएन पाठक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन अंतिम संस्कार करने को राजी हुए। भाजपा विधायक पीएन पाठक ने कहा कि आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, जिसने भी ये कृत्य किया, उनकी नस्ल दोबारा ऐसा करने को नहीं सोचेगी। कुशीनगर पुलिस ने ट्वीट किया कि इस प्रकरण में बाबर की पत्नी की तहरीर के आधार पर 21 मार्च को केस दर्ज कर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस केस में अभी भी विवेचनात्मक कार्यवाही प्रचलित है।बाबर अली पर बीते दिनों हुए हमले के मामले में त्वरित कार्रवाई न करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल ने सोमवार को रामकोला के प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। डीएम एस राजलिंगम के निर्देश पर एडीएम व एएसपी ने इसकी जांच की थी, जिसमें एएसएचओ की लापरवाही उजागर हुई। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि दायित्वों के प्रति लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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