कोर्ट के निर्देशों की चर्चा,फलक्षेत्र में ईंट भट्ठा बंद किए जाएं?
अजय सिंह
सीतापुर। सरकारी नियम को किस तरीके से ताक पर रखकर काम किया जाता है यह तो सुना था लेकिन अब शायद यह लोगों की बातें सच भी कह रहे हैं हालांकि इसमें कितनी सत्यता है इसका दावा नहीं किया जा सकता है लेकिन जो बातें हो रही हैं वह कितनी सत्य है इसका पता लगाया जाना भी आवश्यक है और इस पर तात्कालिक रूप भी लगाई जानी चाहिए। अवैध तरीके से चल रहे ईट भट्टों पर पिछले काफी समय से कार्यवाही के लिए समाचार पत्र में प्रकाशन होता रहा है इसमें कार्रवाई कितनी होती है यह तो जग जाहिर है लेकिन जब कार्रवाई होती है। हालांकि जो प्रशासन की दृष्टि में आता है उस पर तो कार्रवाई होना लाजमी है इन दिनों काफी समय सिधौली क्षेत्र के कसमंडा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोवर्धनपुर में उजाला ईंट भट्ठा की काफी चर्चा है बताते हैं कि यहां पर आम की बाग का क्षेत्र जिसमें लोगों में बातें हो रही हैं कि कोर्ट के निर्देश बताए जाते हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जहां पर पेड़ पौधे अधिक लगे हुए हैं या फिर फल पट्टी का क्षेत्र वहां पर एक भट्ठो का संचालन रद्द किया जाए। लेकिन यह ईट भट्ठा इकलौता बताया जा रहा है जहां काफी पेड़ पौधे भी लगे हैं और बाग क्षेत्र भी बताया जा रहा है लेकिन इस पर विभागीय स्तर से कैसे परमिशन दे दिया गया हालांकि यह लोग बता रहे हैं कि जिस तरीके से ईट भट्ठा धड़क रहा है इससे यहां पर पर्यावरण को नुकसान है। जिससे जांच कराकर कार्रवाई होनी चाहिए हालांकि इसमें कितना सही और कितना गलत है इसका तो कहना मुश्किल है लेकिन आजकल लोगों की जुबां पर उजाला ईंट भट्ठा काफी चर्चा में बना हुआ है। देखना यह है कि इस मामले में क्या पर्यावरण को बचाने के लिए जैसा कि लोग कह रहे हैं कि नुकसान है क्या कोई कार्रवाई होगी या फिर जस के तस ही स्थिति बनी रहेगी।
