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फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये हड़पने वाले गिरोह का एसटीएफ ने किया राजफाश

 

लखनऊ, । अलग अलग कार एजेंसियों के मालिक बनकर वाट्स एप के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये हड़पने वाले गिरोह का एसटीएफ ने राजफाश किया है। गिरोह के चार ठगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने विभिन्न बैंकों व कार एजेंसियों से धोखाधड़ी कर 76 लाख 40 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से अलग अलग खातों में स्थानांतरित करवाए थे।एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक बिहार के बंगरा थाना बढरिया जनपद सिवान निवासी रानू कुमार सिंह, जलालपुर, थाना सिधवलिया गोपालगंज निवासी राहुल कुमार सिंह, बंगरा, थाना थावे गोपालगंज निवासी निहाल कुमार सिंह और साधूचौक, गोपालगंज निवासी पंकज कुमार साह को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि 19 जनवरी को वाट्स एप नंबर से एसआरएम स्मार्ट हुप्स प्रा.लि. (मर्सेडीज वेंज कार एजेंसी लखनऊ) का मालिक और सुगोइ मोटर्स प्रा.लि. (होंडा कार एजेंसी दिल्ली) का चीफ फाइनेंस अफसर बनकर, नेट बैंकिंग के माध्यम से 14 फर्जी बैंक खातों में पहले 18 लाख 40 हजार और फिर 58 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए थे। एसटीएफ ने चारों को गिरफ्तार कर अलग अलग बैंकों में जमा 25 लाख 63 दो सौ रुपये फ्रीज करा दिए हैं। मर्सडीज एजेंसी के एकाउंटेंट ने इस मामले में बीबीडी थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। एजेंसी के एकाउंटेंट के मुताबिक उनके पास कंपनी के डायरेक्टर की फोटो लगे फोन नंबर से वाट्स एप पर मैसेज आया कि आज की आरटीजीएस डिटेल भेजो और दो चेकों की फोटो मांगी गई। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक जहां कंपनी का बैंक खाता है वहां के चीफ मैनेजर ने काल कर बताया गया कि आपके मालिक ने चेक भेजकर 18 लाख 40 हजार का आरटीजीएस कराया है। एकाउंटेंट ने जब कंपनी के डायरेक्टर से बात कर पूछा तो धोखाधड़ी की जानकारी हुई।गिरोह का सरगना रानू सिंह सितंबर 2020 में थाना बढ़रिया जनपद सिवान से नकदी व बाइक लूट में अपने साथी राहुल सिंह के साथ जेल जा चुका है। आरोपित एक युवक को गोली मारने के मामले में भी जेल भेजा गया था। पूछताछ में रानू ने बताया कि जेल से छूटने के बाद नवंबर 2021 में उसकी मुलाकात सुमित शर्मा से हुई। सुमित ने बताया की वह साथियों संग अलग अलग माध्यमों से बैंक खातों से रुपये निकालता है। आरोपित कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर फर्जी बैंक खाते भी खुलवाते हैं। लालच में आकर रानू ने अपने दोस्त कपूर, प्रिंसराज, निहाल सिंह, राहुल, पंकज व अन्य के साथ मिलकर सुमित के लिए एटीएम से रुपये निकालने का काम शुरू किया।दिसंबर 2021 में आरोपितों ने गोपालगंज से आइसीआइसीआइ के एटीएम से साढ़े दस लाख निकाले थे। इसके बाद आरोपितों ने बिहार, दिल्ली और लखनऊ के अलग अलग एटीएम 51.50 लाख रुपये निकाले थे। आरोपितों ने बताया कि सुमित का साथी तौशीब सारे रुपये लेकर चला गया था और उन्हें छह सिम कार्ड, दो मोबाइल फोन और एक एटीएम कार्ड दिया था। तौशीब ने आरोपितों से कहा था कि अभी और रुपये आएंगे, जिसे निकालना है। गिरोह का जाल कई राज्यों में फैला है। एसटीएफ बैंक कर्मियों की मिलीभगत का पता लगा रही है।

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