रोहितसोनी जिला संवाददाता जालौन उरई
माधौगढ़- माधौगढ़ विधानसभा के इतिहास में पहली बार होगा कि जीत का ताज किसी भी दल के विधायक के सिर पर हो लेकिन इतिहास में रिकॉर्ड सबके नाम अलग-अलग होंगे। भाजपा,सपा और बसपा के बीच में कड़ी टक्कर का चुनाव होने के बाद, अब विजयश्री हासिल करने का दिन होगा। जिसमें जो जीतेगा वही अपने नाम रिकॉर्ड बनाएगा। 1952 से 2017 तक हुए विधानसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टी के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई है। जिसमें कांग्रेस,जेएनपी,भाजपा और बसपा ने कई बार जीत दर्ज कराई लेकिन आज तक माधौगढ़ विधानसभा में लगातार दूसरी बार किसी भी विधायक ने जीत दर्ज नहीं करा पाई है। इस बार भाजपा विधायक मूलचंद निरंजन अगर चुनाव जीते हैं तो यह उनके नाम रिकॉर्ड दर्ज होगा कि पहली बार किसी विधायक ने अपनी विधानसभा में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कराई हो। इसलिए मूलचंद निरंजन के लिए यह चुनाव महज जीतने भर के लिए नहीं है बल्कि रिकॉर्ड कायम करने के लिए है, वह उस मिथक को तोड़ेंगे,जिसमें कहा जाता रहा है कि लगातार कोई नहीं जीत पाया।
बसपा की शीतल कुशवाहा भी जीतने के बाद अपने नाम रिकॉर्ड बनाएगी। 1952 से हुए चुनाव में पहली बार कोई महिला विधायक बनेगी। इसके पहले कभी माधौगढ़ में महिला विधायक नहीं हुई। शीतल कुशवाहा युवा होने के साथ 6वीं बसपा पार्टी से जीत कराने वाली विधायक होंगी। इसके पहले बसपा से दो बार शिवराम कुशवाहा,1-1 बार ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह,हरिओम उपाध्याय और संतराम कुशवाहा जीत चुके हैं।
इनके अलावा समाजवादी पार्टी के राघवेन्द्र प्रताप सिंह को जनता ने अपना विधायक चुना तो यह भी इस सीट के लिए इतिहास ही होगा। पहली बार सपा का इस सीट पर विजय पताका फहराएगी,सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते माधौगढ़ विधानसभा को मप्र,इटावा से कनेक्टिविटी की सौग़ात मिली,उसके बावजूद 2012 में सपा को मिले प्रचंड जनादेश में भी यह सीट बसपा के खाते में चली गयी थी। ऐसे में राघवेन्द्र सिंह के विजयी होते ही,उनके नाम भी यह रिकॉर्ड ही होगा।