निकाला गया हैंडपंप रिबोर के नाम पर फर्जी पैसा
अजय सिंह/पवन कुमार सिंह
सीतापुर। फर्जीवाड़ा हो रहा है ग्राम पंचायतों में यह बातें होती रहीं हैं और इसकी शिकायतें भी काफी होती रही लेकिन जिस तरीके से कार्यवाही होती है,जगजाहिर है। अगर साक्ष्यों के आधार पर उस तरीके से कार्यवाही हो जाए तो यह तय है कि भ्रष्टाचार बिल्कुल समाप्त हो जाएगा। परंतु अमूमन तो ऐसा होता ही नहीं है जैसे तैसे करके मामला दब ही जाता है भले ही सच्चाई कितनी हो लेकिन पैसे की खनक में और सत्ता की हनक में मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाता है ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर हालिया में चुनाव संपन्न हुआ है महोली की ग्राम पंचायत राई पैडहिया का, यहां तक ग्राम पंचायत के प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मदद से बड़े पैमाने पर हैंडपंप खराबी बता कर मरम्मत के नाम पर उनतालीस हजार रुपए की निकासी की गई जो कि बताते हैं कि जिसका भुगतान शर्मा ट्रेडिंग कंपनी के नाम से दो बार में करवाया गया 15 फरवरी को हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 19730व विधानसभा चुनाव के 2 दिन पूर्व ₹19360 का भुगतान शर्मा ट्रेडिंग कंपनी के नाम से निकाला गया जबकि बताते चलें कि इस मामले में अब बातें हो रही हैं की जिन हैंडपंप को रिबोर करके दिखाया गया है वह हैंडपंप कभी खराब हुए ही नहीं थे ना ही उनमें कोई गड़बड़ी थी लेकिन उसके बावजूद भी यह पैसा मरम्मत के नाम पर निकाल लिया गया लेकिन इस पैसे को निकाल कर क्या किया गया मरम्मत या फिर भरी गई अपनी जेब? मामला साफ है जब बातें इस स्तर पर हो रही है कि शर्मा ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर भुगतान कराया गया तो क्या शर्मा ट्रेडिंग कंपनी भी एक तरीके से इस भ्रष्टाचार में शामिल है? मामला जो भी हो जांच के दायरे में आता है और इस पर अगर जांच करा ली जाए और ग्राम पंचायत में जहां पर हैंडपंप खराब दिखाए गए हैं वहां पर जांच की जाए तो इस बात का खुलासा हो सकता है की माजरा क्या है? लेकिन यहां पर यह भी कहा जा रहा है कि, ” सैया कोतवाल तो डर काहे का ” कहने का मतलब है कि अकेले यह सब नहीं हो सकता ऊपर तक की मिलीभगत है जिस तरीके से किया गया है उसमें सभी की मिलीभगत जान पड़ती है नहीं तो ऐसा कदापि नहीं होता अगर इसकी सटीक जांच कराई जाए तो मामला खुलकर सामने आ जाएगा और जिन लोगों के द्वारा यह भ्रष्टाचार हुआ है उनको प्रशासन अगर ठीक-ठाक जांच कराएं तो बाहर का रास्ता भी देखना पड़ सकता है और उन पर भी कार्रवाई हो सकती है जो लोग इसमें शामिल हैं। देखना यह है क्या यह होगा या फिर मामला ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार हो रहा है इसकी जो बातें हो रहीं हैं, इसके चलते बीच में ही सत्यता से परे चला जाएगा।
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अगर फर्जीवाड़ा साबित हुआ तो शर्मा ट्रेडिंग कंपनी आ सकती है कार्यवाही की जद म़ें!
सीतापुर। जिस तरह से हैंडपंप रिबोर दिखाकर फर्जीवाड़ा हुआ है,जिसकी बातें हो रही हैं अगर इस मामले पर पूरी तरीके से कार्रवाई की जाए, तो यह पता चल सकता है कि आखिरकार जो कार्य हुआ है वह फर्जी है या नहीं या फिर सिर्फ तथाकथित बातें ही हो रही है लेकिन अगर यह सब फर्जी है तो इस मामले में शर्मा ट्रेडिंग कंपनी भ्रष्टाचार की जद में आ सकती है क्योंकि जो भ्रष्टाचार हुआ है उसमें जिस टेंडर कंपनी का नाम दिया गया है वह शर्मा ट्रेडिंग कंपनी उसी के नाम से भुगतान हुआ है तो यह पूरी तौर से कहा जा सकता है कि भुगतान कंपनी क्या फर्जी तरीके से चलाई जा रही है? जो काम दिखा कर पैसे निकाल देती है और वह पैसा बंदरबांट होता है हालांकि यह मामला तभी सामने आएगा जब पुख्ता तरीके से जांच होगी उसमें सत्यता क्या पता चल ही जाएगा।
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जिम्मेदार खंड विकास अधिकारी लेना चाहिए मामले का संज्ञान
सीतापुर। खंड विकास अधिकारी महोली को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। एक संभ्रांत समाचार पत्र के अंक से यह जानकारी हुई कि उनका दूरभाष कवरेज एरिया से बाहर था, जिसके चलते उस पत्रकार से इस मामले में बातचीत नहीं हो पाई। लेकिन जिस तरीके से समाचार पत्र में छपे समाचार व समाचार न छापने की शर्त ग्रामीण से बात की गई जिसके द्वारा इस बात का दावा हो रहा है कि किया गया कार्य पूर्णतया फर्जी है। इस पर संज्ञान लेना चाहिए अब देखना यह है ।इस पर खंड विकास अधिकारी संज्ञान लेते हैं या ठंडे बस्ते में मामला पहुंचेगा यह तो वक्त आने पर पता चलेगा।