
संवाददाता रघुनाथ सिंह खबर दृष्टिकोण लखनऊ
पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के तत्वाधान में आयोजित टेक्नोकॉन कॉन्फ्रेंस
कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ आरके धीमान तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर गौरव अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
-10 प्रदेश के 200 टेक्नीशियन शामिल हुए
ब्लड कैंसर मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद जीवन में नई आस जगी हैं। यह तकनीक काफी सफल है। स्टेम सेल डोनर के शरीर के अस्थि मज्जा (बोन मैरो) व रक्त संचरण से लेकर मरीज को प्रत्यारोपित करते हैं। यह बातें पीजीआई के हिमेटोलॉजी विभाग के टेक्नीशियन मनोज सिंह ने शनिवार को पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के तत्वाधान में आयोजित टेक्नोकॉन कॉन्फ्रेंस में कही। संस्थान में 128 मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण हो चुका है। कांफ्रेंस में 10 प्रदेश के करीब 200 टेक्नीशियन शामिल हुए।
सर्जरी से पहले चेस्ट एक्स-रे अहम
ऑपरेशन से पहले एक्सरे अहम
पीजीआई के रेडियोलॉजी विभाग के टेक्नोलॉजिस्ट सरोज वर्मा ने बताया कि ऑपरेशन से पहले एक्सरे में फेफड़ों व दिल समेत कई अंगों की कार्य क्षमता व उनकी स्थिति का पता चल जाता है। इसलिए ऑपरेशन से पहले डॉक्टर पीएसी (प्री एनेस्थीसिया चेकअप ) में हर मरीज के खून व ईसीजी के साथ एक्सरे जरूर कराते हैं। सरोज ने बताया कि बेहोशी देने समय पूरा शरीर शिथिल हो जाता है लेकिन दिल व फेफड़े लगातार काम करते हैं।
कॉन्फ्रेंस के आयोजक सचिव राजीव सक्सेना ने ऑपरेशन से पहले मरीज के रक्तदाब, आक्सीजन स्तर सहित कई मानको पर नजर रखा जाता है। संस्थान के टेक्नीशियन धीरज सिंह द्वारा वीडियो लैरिंगोस्कोप व सुनील प्रकाश वर्मा तथा चंद्रेश कश्यप कश्यप द्वारा बनाए गए इको प्रोब होल्डर का प्रदर्शन किया गया।
एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. एस पी अंबेश व ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के महामंत्री फिरोज आलम उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एन के चौरसिया जी द्वारा की गई।
