लहरपुर सीतापुर राजस्व जनक टोडरमल वह हजरत मजा शाह कलंदर की नगरी लहरपुर जहां ईट भट्टा उद्योग के लिए चर्चित व प्रसिद्ध है वहीं पर प्रशासन की मिलीभगत के चलते एक तिहाई ईट भट्टे बिना एनओसी के संचालित हो रहे हैं गौरतलब है कि तहसील क्षेत्र में लगभग एक तिहाई से अधिक अवैध भट्टे
लगभग संख्या में 23 जिनका का प्रति वर्ष करीब ₹300000 प्रति भट्ठा वसूला जा रहा है जिनकी चिमनिया धधक रही हैं जिन पर लगभग खनन जारी है जिसको जिला प्रशासन देखते हुए भी अनजान आखिर किन परिस्थितियों में बना बैठा है ईट भट्टा एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर इस संबंध में संवाददाता को बताया कि तहसील क्षेत्र में लगभग 2 दर्जन से अधिक ईट भट्टे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं जिनसे तहसील प्रशासन द्वारा करोड़ों की वसूली अवैध रूप से की जा रही है जिसकी उच्च स्तरीय जांच भी कराई जा सकती है लहरपुर कबाड़ मंडी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात मानी जाती है जहां भी प्रति माह करोड़ों का वारा न्यारा होता है कई हेक्टेयर क्षेत्र फल में फैली या कबाड़ मंडी प्रतिदिन हजारों वाहन कटते बिखरते होने की गवाही दे रही है कई मीट्रिक टन अवैध मांस व्यापार वाला यह क्षेत्र लहरपुर आचार संहिता की आड़ में काफी फलता फूलता नजर आ रहा है आंकड़ों की यदि माने तो अवैध कमाई के लिए जनपद का यह प्रमुख अड्डा माना जाता है यहां नियुक्ति पाने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को बहुत कुछ समझना पड़ता है आखिर किन परिस्थितियों में 2 दर्जन से अधिक ईट भट्टे तहसील क्षेत्र में किसकी आड़ में संचालित हो रहे हैं यहां से होने करोड़ो की काली कमाई किन-किन महकमों में जा रही है अवैध खनन का यह सबसे बड़ा गढ़ होने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों को करोड़ों के वारे न्यारे होते रहते हैं मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद कई भट्टे प्रशासन ने चीज भी किए थे जिनकी की चिमनियो से आज भी धुआं निकल रहा है
उच्चतम न्यायालय की अवहेलना करते हुए यह कुटीर उद्योग जहां वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं वही भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा नजर देते आ रहे हैं ईट निर्माण में अवैध खनन की आवश्यकता के चलते खनन अधिकारी भी खनन अधिकारियों के संरक्षण में दिन-रात खुलेआम जेसीबी गरजते हुए देखा जा सकता है अगले प्रशासन में क्षेत्र में सभी अवैध संचालित ईट भट्टा की सूची भी प्रकाशित की जाएगी