हरीश रावत ने उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर यहां उपवास किया और दिन के उजाले में हाथ में मोमबत्ती लेकर उसे खोजते दिखाई दिए। अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता रावत अपने साथियों के साथ यहां पहुंचे और उपवास किया।
गैरसैंण । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर बुधवार को यहां उपवास किया और दिन के उजाले में हाथ में मोमबत्ती लेकर उसे खोजते दिखाई दिए। अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता रावत अपने साथियों के साथ यहां पहुंचे और उपवास किया। बाद में उन्होंने जलती मोमबत्ती हाथ में लेकर परिक्रमा की और प्रदेश की स्थायी राजधानी खोजने की कोशिश की।
रावत के साथ सड़कों पर बड़ी संख्या में मौजूद लोग जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए शहीद स्थल से निकले और गैरसैंण नगर के एक हिस्से की परिक्रमा करने के बाद वापस शहीद स्थल पर पहुंचे एवं सभा की। इस मौके पर उन्होंने सवाल पूछा कि गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है और देहरादून अस्थायी राजधानी है तो प्रदेश की स्थायी राजधानी कहां है। वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था। रावत ने कहा कि 2027 में कांग्रेस सत्ता में आएगी और तब गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले स्पष्ट कर दिया था कि 2020 तक गैरसैंण में अवस्थापना सुविधाएं विकसित कर लेंगे और 2022 से पहले गैरसैंण में राजधानी ले आएंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे पहले एक षड्यंत्र के तहत ‘हमें (सत्ता से) हटा दिया गया।’ उन्होंने लोगों से अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताने और सत्ता में लाने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही राजधानी गैरसैंण लायी जाएगी।