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टीटीपी हमले पर तालिबान और पाकिस्तान आमने-सामने, बाजवा के सेना के बयान पर दिया पलटवार

काबुल
पाकिस्तानी सेना की मदद से सत्ता में आए तालिबानी आतंकी अब उसी के लिए जघन्य बन गए हैं। पहली बार पाकिस्तानी सेना ने खुले तौर पर आरोप लगाया था कि उसके पांच सैनिकों को तालिबान शासित अफगानिस्तान के आतंकवादियों ने मार गिराया था। अब तालिबान ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि हमारी जमीन से कोई हमला नहीं हुआ है। तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि अफगान धरती से कोई गोलीबारी नहीं हुई। तालिबान के उप प्रवक्ता ने कहा, “हम अन्य देशों, खासकर अपने पड़ोसियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कोई भी उनके खिलाफ अफगान भूमि का इस्तेमाल नहीं होने देगा।” पहले तालिबान ने ही टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच बातचीत शुरू की थी, लेकिन दिसंबर में यह वार्ता विफल हो गई।

इसके बाद टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिए हैं। इसके चलते जनरल कमर जावेद बाजवा और उनके पालतू तालिबान के बीच संबंध बिगड़ते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने पहली बार अपने सैनिकों पर हमला करने के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। पाकिस्तानी सेना ने तालिबान के खिलाफ यह ताजा बयान ऐसे समय में दिया है जब रविवार को अफगान सीमा से घुसे टीटीपी आतंकियों ने 5 जवानों को बेरहमी से मार गिराया.

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस हमले के बाद अब पाकिस्तानी सेना के सब्र का जवाब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को दे रहा है. पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी कर कहा, “अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाले आतंकवादियों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला किया।” पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने मुंहतोड़ जवाब दिया जिसमें आतंकियों को भारी नुकसान हुआ है.

पहली बार पाकिस्तान ने ‘तालिबान’ अफगानिस्तान की निंदा की
पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा कि वह पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा नहीं होने देगी। यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने तालिबान शासित अफगान भूमि के उपयोग की आधिकारिक रूप से निंदा की है। इससे पहले जब तालिबान ने सीमा पर बाड़ लगाना बंद किया था तो पाकिस्तानी सेना ने इसे ‘स्थानीय समस्या’ करार दिया था।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा लगता है कि तालिबान की अंतरिम सरकार को पाकिस्तान धैर्यपूर्वक जवाब दे रहा है। वह भी तब जब तालिबान बार-बार यह वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को फैलाने के लिए नहीं होने दिया जाएगा। पाकिस्तान के मुखर आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने इन हमलों के बाद कहा कि तालिबान को अपने वादे पूरे करने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के हमले न हों।

Source-Agency News

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