लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा है कि रूपांतरण कार्यक्रम के तहत चयनित आठ महत्वाकांक्षी जिलों बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर व सोनभद्र जिलों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। वहां जिलाधिकारी क्षेत्र भ्रमण करके जनता का फीडबैक प्राप्त करें।मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने समीक्षा बैठक में कहा कि रूपांतरण कार्यक्रम के तहत चयनित जिलों में छह विषयगत क्षेत्रों स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि व जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास व आधारभूत अवसंरचना से संबंधित जिन संकेतकों में गिरावट दर्ज हुई है, इनमें सुधार के लिए संबंधित जिलाधिकारी सतत अनुश्रवण करते हुए कार्य योजना बनाकर कार्यवाही करें। यहां बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव नियोजन सुरेश चंद्रा, प्रमुख सचिव पशुपालन सुधीर गर्ग आदि मौजूद थे।जिलाधिकारियों से कहा कि कई जिलों से निराश्रित पशुओं से किसानों को परेशानी हो रही है। एक से 10 जनवरी तक अभियान चलाकर उन्हें गोआश्रय केंद्रों में भेजने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने ग्राम पंचायतों को निराश्रित पशुओं से मुक्त कराने के लिए ग्राम प्रधानों व ब्लाक प्रमुखों में प्रतिस्पर्धा कराने का सुझाव दिया, इस में अच्छा कार्य करने वाले प्रधानों व ब्लाक प्रमुखों को पुरस्कृत भी किया जाए। जिलाधिकारियों से कहा कि ऐ स्वयं गो आश्रय केंद्रों का निरीक्षण करके वहां की व्यवस्थाओं को देखें। केंद्रों में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे। भूसा, चारा, पानी, शेड के साथ-साथ ठंड से बचाव व इलाज आदि की समुचित व्यवस्था की जाए।जिलों में कोरोना के मामले बढ़ने पर मुख्य सचिव ने वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने व निगरानी समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों का दूसरा डोज ओवर ड्यू हो गया है, उनसे इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से संपर्क कर सेकंड डोज दी जाए। कोरोना के प्रति जनता को जागरूक करते हुए मास्क व शारीरिक दूरी के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए, भीड-भाड़ वाले स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाए।