सरकार ने सराहा
रायबरेली। 14 वर्षीय छात्र ने अपनी सोंच को एक चश्मे के रूप में साकार कर दिया इस चश्मे की मदद से नेत्रहीनों को अब देखने और समझने में काफी हद तक सहायता मिलेगी।बताते चले क़ी न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल सलेथू के कक्षा 10 के छात्र ने चश्मा तैयार कर अपने माता पिता सहित क्षेत्र को गौरान्वित किया है। छात्र द्वारा बनाये गये चश्मे को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भी सराहा है और छात्र को विभाग ने 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर उसकी हौसलाआफजाई भी की है। मालूम हो क़ी कक्षा 10 के छात्र नैतिक श्रीवास्तव ने कंप्यूटर शिक्षक शिवांग अवस्थी व विज्ञान के शिक्षक सुलेमान सिद्दीकी की मदद से एक इलेक्ट्रॉनिक चश्मा तैयार किया है। चश्मे की खासियत बताते हुए नैतिक श्रीवास्तव ने बताया कि गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति को देखकर उनके मन में यह जिज्ञासा जगी थी कि इनके लिए कुछ सहायक उपकरण तैयार किए जाएं। जिनसे इनके जीवन में सहजता आ सके। चश्मे के बारे में बताते हुए कहा कि इस चश्मे के माध्यम से नेत्रहीन व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को सहजता से पहचान सकता है। व्यक्ति का चेहरा सामने आते ही उसका नाम नेत्रहीन व्यक्ति को सुनाई देने लगेगा। छात्र ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में उसने एक कैमरा, दो अल्ट्रासोनिक सेंसर ,एक प्रोसेसर, एक माइक्रोचिप व एक ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया है । इसकी खास बात यह है कि इसमें जितने लोगों के आंकड़े सुरक्षित किए जाएंगे। उन्हीं पर यह चश्मा संकेत देगा। विद्यालय के इंचार्ज राजीव सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पसंद किया है । इसे मान्यता भी प्रदान की है। चश्मे को मूर्त रूप देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से छात्र को 10 हजार की प्रोत्साहन राशि मिली है। इस चश्मे का प्रयोग भी आधा दर्जन नेत्रहीनों पर किया जा चुका है। अब तक इसके परिणाम सफल साबित हुए हैं ।उन्होंने बताया कि चश्मे को बनाने के लिए कंप्यूटर शिक्षक शिवांग अवस्थी व विज्ञान के शिक्षक सुलेमान सिद्दीकी का विशेष सहयोग रहा है।
संवाददाता अमरेन्द्र यादव