प्रयागराज, । नकली नोट का सौदागर रामू साहू आखिरकार बुधवार शाम स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हत्थे चढ़ गया। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। गिरोह का सरगना पश्चिम बंगाल निवासी दीपक मंडल अभी फरार है। उसकी भी तलाश चल रही है। रामू नवाबगंज थाना क्षेत्र के कौड़िहार बाजार का रहने वाला है। वह पिछले कई साल से भारतीय जाली मुद्रा की तस्करी कर रहा था। एसटीएफ का दावा है कि वह प्रयागराज और आसपास के जिलों में लाखों रुपये की नकली नोट खपा चुका है।एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार ने बताया कि रामू पहले फूलपुर के अलीम अंसारी, लखनऊ के योगेंद्र प्रताप, राहुल के साथ मिलकर चेक क्लोनिंग का काम करता था। वर्ष 2014 में उसे लखनऊ में गिरफ्तार जेल भेजा गया। फिर वह प्रयागराज जेल में आ गया। इसी दौरान नैनी जेल में पहले से बंद पश्चिम बंगाल के मालदा वैष्णवनगर निवासी दीपक मंडल से मुलाकात हुई। दीपक बांग्लादेश से भारतीय जाली मुद्रा मंगवाकर कई राज्यों में सप्लाई करता था। कुछ दिनों बाद दोनों जमानत पर छूट गए। तब रामू ने नकली नोट की तस्करी का काम शुरू किया। वह पश्चिम बंगाला जाता और 25 हजार असली नोट देकर 50 हजार नकली नोट लेकर आता था। इसी बीच रामू ने कौड़िहार के श्रवण केशरवानी और फूलपुर के रूपेश को भी नकली नोट लेने के लिए पश्चिम बंगाल भेजा था।पूछताछ में यह भी पता चला है कि शातिर रामू का साथी पटना बिहार का राजेश केशरवानी है। उसके पास तमाम लोगों को लेकर जाकर असली नोट की जगह दोगुना नकली नोट देने का झांसा देकर 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। सीओ का कहना है कि कुछ दिन पहले रामू के साथी को नकली नोट के साथ कीडगंज में गिरफ्तार किया था। उस मुकदमे में रामू वांछित था और गिरफ्तारी न होने पर 50 हजार का इनाम घोषित हुआ था। बुधवार शाम एसआइ वेद प्रकाश पांडेय, अनिल कुमार की टीम ने अभियुक्त को रामबाग स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया।
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