प्रतापगढ़, । शिक्षा निदेशालय के प्रधान सहायक की प्रयागराज में रिश्वत लेते गिरफ्तारी के दूसरे ही रोज शुक्रवार को शिक्षा विभाग का एक और अधिकारी घूसखोरी में पकड़ा गया। चयन वेतमान की पत्रावली को संस्तुति करने के लिए घूस लेते हुए सदर ब्लाक के बीईओ (खंड शिक्षाधिकारी) रामशंकर को सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। खंड शिक्षाधिकारी की गिरफ्तारी उनके घर से की गई। वहां से थाने ले जाकर मुकदमा लिखा गया।शहर के आवास विकान कालोनी के रहने वाले प्रभाकर प्रताप सिंह सदर ब्लाक के बड़ा पुरवा गांव स्थित जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक पद पर तैनात हैं। उनकी चयन वेतनमान की पत्रावली सदर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी रामशंकर के पास लंबित थी। प्रभाकर का आरोप है कि पत्रावली को संस्तुति करने और लंबित बोनस देने के लिए खंड शिक्षाधिकारी रामशंकर पुरी निवासी जिला बाराबंकी 10 हजार रुपये की घूस मांग रहे थे। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी के रिश्वत मांगने का ऑडियो रिकार्ड कर लिया था। प्रभाकर लगातार दो महीने से खंड शिक्षाधिकारी के यहां चक्कर लगा रहे थे।इसकी शिकायत प्रभाकर ने विजिलेंस (सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज) के एसपी से की थी। टीम ने जांच की तो घूस मांगने का आरोप सही पाया। फिर बीईओ को ट्रैप करने की योजना तैयार की गई। खंड शिक्षाधिकारी ने शुक्रवार दोपहर फोन कर प्रभाकर को पैसे लेकर अपने आवास पर बुलाया। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने प्रभाकर को रसायन युक्त नोट बीईओ को देने के लिए थमाए। उन नोटों को पकड़ने पर हाथ में रसायन लग जाता है और धोने पर पानी रंगीन हो जाता है। प्रभाकर के साथ विजिलेंस की टीम भी सादे कपड़ों में इंस्पेक्टर रमाशंकर पांडेय के नेतृत्व में शुकुलपुर स्थित खंड शिक्षा अधिकारी रामशंकर के आवास पर पहुंची। वहां शिक्षक प्रभाकर को पैसे लेकर बीईओ के घर के भीतर भेजा गया। इसके बाद जैसे ही बीईओ ने प्रभाकर के हाथों से नोटों की गड्डी थामी, सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने उसे घेरकर पकड़ लिया। यहां से उसे कोतवाली ले जाया गया।इस मामले की जानकारी होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल, मंत्री विनय सिंह, मुकेश दुबे, सत्य प्रकाश पांडेय समेत तमाम शिक्षक कोतवाली पहुंच गए। इस मामले में प्रभारी कोतवाल भृगुनाथ मिश्रा का कहना है कि सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने खंड शिक्षाधिकारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। मुकदमा लिखा जा रहा है। बीईओ को शनिवार को विजिलेंस की टीम और पुलिस वाराणसी ले जाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में पेश करेगी।