(पीड़ित परिजनों द्वारा अस्पताल के जिम्मेदार लोगों पर गंभीर आरोप लगाते कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने एवं कानूनी कार्रवाई करने हेतु दी गई तहरीर)
कर्नलगंज (गोण्डा)। तहसील मुख्यालय स्थित सीएचसी कर्नलगंज में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की मौत हो गई।जिससे परिजनों ने अस्पताल में तैनात जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। वहीं मामले की सूचना पर पहुंची डायल 112 व स्थानीय पुलिस मामले को शान्त कराने में जुट गई। उधर परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही व अभद्रता का गम्भीर आरोप लगाते हुए बच्चे की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को बताते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने एवं कानूनी कार्रवाई करने हेतु तहरीर दी गई है। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज से जुड़ा है जहां धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप कहे जाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों एवं सरकारी अस्पताल कर्नलगंज प्रशासन का अमानवीय एवं क्रूर चेहरा सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नलगंज क्षेत्र के ग्रामपंचायत करुआ के ग्राम कुम्हरगढ़ी निवासी रोहित कुमार ने अपनी पत्नी पम्मी उम्र करीब 19 वर्ष को प्रसव हेतु गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में भर्ती कराया था,जब पम्मी प्रसव पीड़ा से परेशान होने लगी तो उसने ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को बताया जिस पर उन्होंने कहा परेशान मत होइए अभी बच्चा हो जायेगा।परिजनों का आरोप है कि कुछ देर बाद परेशानी बढ़ने पर ड्यूटी पर तैनात नर्स से दिक्कत बताई गई तो नाराज होकर नर्स प्रसूता के पास पहुंची और गाली गलौज करने लगी।इतना ही नहीं परिजनों का गंभीर आरोप यह है कि ड्यूटी पर तैनात नर्स सहित अन्य तीन स्टाफ द्वारा पीड़िता के पेट पर पैर से दबाव दिया जिसके चलते नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई। जिससे नवजात की मौत से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा और मृत बच्चे को लेकर वहीं बैठ गये। परिजनो ने स्टाफ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। वहीं मामले की सूचना पर डायल 112 व स्थानीय पुलिस पहुंच गयी और मामले को शान्त कराने में जुट गई। उधर परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही व अभद्रता का गम्भीर आरोप लगाते हुए बच्चे की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को बताते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने एवं कानूनी कार्रवाई करने हेतु तहरीर दी गई है। घटना के संबंध में सीएचसी अधीक्षक से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों के इस बेहद शर्मनाक घृणात्मक अमानवीय कृत्य ने अस्पताल प्रशासन और समूचे सिस्टम को सवालिया कटघरे में खड़ा कर दिया है और लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। जबकि जिम्मेदार आला अधिकारियों के जानबूझकर धृष्टराष्ट्र की भूमिका में बने रहने से उनके अवैध संरक्षण में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा गरीब असहाय लोगों का उत्पीड़न, लूट-खसोट खुलेआम जारी है जिस पर अंकुश नहीं लग रहा है।
