वाशिंगटन
हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति हमेशा से खगोलविदों के लिए एक अस्पष्ट पहेली रहा है। इस ग्रह की सतह पर होने वाली कई घटनाएं आज भी एक रहस्य बनी हुई हैं। इस बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के हबल टेलीस्कोप ने बृहस्पति ग्रह की सतह पर एक लाल धब्बे (ग्रेट रेड स्पॉट) का पता लगाया है। यह रेड स्पॉट दरअसल बृहस्पति पर एक बड़ा तूफान है।
तूफान की रफ्तार लगातार बढ़ रही है
हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने बताया है कि बृहस्पति पर इस तूफान की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। टेलीस्कोप से भेजे गए डेटा से पता चला कि बृहस्पति की सतह पर देखे गए लाल धब्बे के सबसे बाहरी क्षेत्र में हवाएं तेज हो रही हैं। नवीनतम तूफान रिपोर्टों से पता चला है कि 2009 से 2020 तक इस स्थान के भीतर हवा की औसत गति में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
तूफान के अंदरूनी हिस्सों में बहुत कम हवा की गति
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि इस रेड स्पॉट के अंदरूनी हिस्से में हवाओं की गति बहुत कम है। इस ग्रेट रेड स्पॉट को 150 से अधिक वर्षों से बृहस्पति ग्रह पर भयंकर रूप में देखा जा रहा है। ये लाल बादल 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वामावर्त घूम रहे हैं।
हबल टेलीस्कोप के डेटा से रहस्य का पता चलता है
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के माइकल वोंग ने कहा कि जब मैंने हबल टेलीस्कोप से शुरुआती परिणाम देखे, तो मैंने पूछा ‘क्या इसका कोई मतलब है?’ ऐसा पहले कभी किसी ने नहीं देखा। लेकिन, यह कुछ ऐसा है जो केवल हबल ही कर सकता है। हबल की लंबी उम्र और उसके लेंस इस रहस्य को धरती पर लाने में मददगार साबित हो रहे हैं।
ग्रेट रेड स्पॉट क्या है?
ग्रेट रेड स्पॉट हमारे सौर मंडल में तूफानों का राजा है। जूनो अंतरिक्ष यान के हालिया फ्लाईबाई ने वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद की कि तूफान की जड़ें बृहस्पति के वायुमंडल में कम से कम 320 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। तुलना के लिए, पृथ्वी पर एक सामान्य उष्णकटिबंधीय चक्रवात केवल लगभग 15 किलोमीटर तक फैला होता है। खगोलविदों ने नोट किया है कि यह आकार में सिकुड़ रहा है। पिछले कुछ तूफानों का अध्ययन करने पर पता चला है कि यह अंडाकार से वृत्ताकार की ओर बढ़ रहा है।
